कार्रवाई के दौरान पुलिस ने बड़ी संख्या में अफीम के पौधे भी जब्त किए हैं। एक अनुमान के मुताबिक इन पौधों से निकली अफीम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों में हो सकती है। थानाधिकारी सज्जन कुमार ने बताया कि इलाके में रात के समय अफीम की गंध आने की शिकायत मिली थी, इस पर थानागाजी सीओ शैलेन्द्र सिंह इंदोलिया के नेतृत्व में दोपहर दो बजे कार्रवाई को अंजाम दिया गया। थानाधिकारी ने बताया कि सूचना के आधार पर इंदोक गांव में खेमचंद मीना, रामू मीना, आनंदी, ईश्वर लाल, मि_न लाल, नोदाराम एवं मुंशी सिह आदि के खेतों पर दबिश दी तो पुलिस बड़ी मात्रा में अफीम की अवैध खेती देखकर एकाएक चकित रह गई। पुलिस के साथ पहुंचे राजस्व अधिकारियों ने जमाबंदी खसरा के आधार पर रिपोर्ट तैयार की। जहां उन्होंने नक्शा ट्रेस के आधार पर खसरा नंबर को खंगाला और उसको भी ट्रेस किया।
इनके खेत में उगाई गई अफीम पुलिस ने बताया कि आरोपी खेमचंद के खेत में 522 वर्गमीटर, रामू के खेत में करीब 115 वर्ग मीटर, मुंशी सिंह के खेत में करीब 80 वर्गमीटर क्षेत्र में अफीम उगाई जा रही थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं कई किसान मकानों पर ताला लगाकर फरार हो गए।
चार थानों को कार्रवाई में आया पसीना अवैध अफीम के खिलाफ कार्रवाई में थानागाजी, नारायणपुर, प्रतापगढ़ व मालाखेड़ा थाना पुलिस का जाब्ता शामिल रहा। करीब छह घंटे चली कार्रवाई के दौरान अफीम के पौधों को समेटने में चारों थानों की पुलिस को काफी पसीना बहाना पड़ा। पुलिस को पौधे समेटने में 3 घंटे का वक्त लगा।
माधोगढ़ में भी पकड़ी अवैध खेती गौरतलब है कि पुलिस ने 21 फरवरी को मालाखेड़ा थाना क्षेत्र के माधोगढ़ इलाके में 2 हजार वर्गमीटर जमीन से अवैध अफीम के पौधे जब्त किए गए थे। सरिस्का के थानागाजी और मालाखेड़ा इलाकों में लंबे समय से बड़े स्तर पर अफीम की खेती की जा रही है। मुनाफे के लालच में अवैध रूप से खेती कर अफीम बेची जा रही है।