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कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश का मॉडल बनेगा अलवर का नया कोविड अस्पताल, बच्चों की होगी देखभाल

इस अस्पताल में अमरीका से दानदाता ने ऑक्सीजन प्लांट लगवाया है। अस्पताल में 100 बैड लग सकेंगे।

अलवरJul 06, 2021 / 10:48 am

Lubhavan

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश का मॉडल बनेगा अलवर का नया कोविड अस्पताल, बच्चों की होगी देखभाल

अलवर. कोरोना की दूसरी लहर के तनाव के बीच जन सह भागिता के आधार पर केसरपुर में खुले युवराज प्रताप सिंह कोविड अस्पताल में आठ मरीज ही भर्ती हुए। यहां जन सहयोग से सारी सुविधाएं जुटाई गई। इस अस्पताल को अब कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए तैयार किया जा रहा है, जिसमें बच्चों पर विशेष फोकस है। कई वार्डों को बच्चों के हिसाब से तैयार किया जा रहा है, जिनकी दीवारों पर कार्टून के पात्र वाला वॉल पेपर लगाया है और एलईडी लगाई गई है। इस अस्पताल में शिशु आईसीयू बनाया जाएगा और वेंटीलेटर मंगवाए जा रहे हैं। यहां प्रदेश का जन सह भागिता से नि: शुल्क अत्याधुनिक सुविधाओं वाला अस्पताल तैयार किया जा रहा है। इसमें अमेरिका के एक दानदाता ने ऑक्सीजन प्लांट लगवा दिया है।
तीसरी लहर की तैयारी, बच्चों की जान प्यारी-

चिकित्सा विशेषज्ञों की ओर से कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। चिकित्सा विशेषज्ञ इस लहर के अक्टूबर में आने की संभावना जता रहे हैं। इस लहर का सबसे बड़ा खतरा बच्चों पर बताया जा रहा है, जिसको देखते हुए यहां बच्चों के वार्ड बनाए गए हैं। इन वार्डों में कॉर्टून पात्र वाला वॉल पेपर लगाया है और वार्ड में बड़ा एलईडी टीवी लगाया है। यहां बच्चों के लिए अलग से आईसीयू बनाया जा रहा है। इसी प्रकार वेंटीलेटर भी एक पखवाड़े में आ जाएंगे।
ऑक्सीजन प्लांट भी दानदाताओं ने लगवाया-

युवराज प्रताप सिंह कोविड अस्पताल में अमेरिका से एक दानदाता ने भेजकर अत्याधुनिक ऑक्सीजन प्लांट लगाया है, जिससे सभी बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकेगी। इसकी लागत करीब 55 लाख बताई गई है। इस प्लांट के लगने से ऑक्सीजन की हर बेड तक सुविधा आसानी से मिल सकेगी।
एक सौ बेड तैयार और लग सकेंगे-

इस अस्पताल में फिलहाल 100 बेड पूरी तरह तैयार हैं जबकि जरूरत पडऩे पर ऊपर वाली मंजिल में और बेड तैयार किए जा सकते हैं।

केसरपुर में गत 21 मई को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र सिंह ने युवराज प्रताप सिंह कोविड अस्पताल का उद्घाटन किया था। उस समय कोरोना का हर तरफ तनाव था, जिससे कुछ दिन पहले तक अस्पतालों में मरीजों को भर्ती नहीं करने पर वे दम तोड़ रहे थे।
इस अस्पताल में हेमकुंट फाउंडेशन ने 17 ऑक्सीजन कंस्टे्रटर दिए और यहां काफी सामान जन सहयोग से आया। इस कठिन दौर में यहां चिकित्सा सामग्री जुटाना कम कठिन नहीं था। इसमें यहां कई संस्थाओं के सहयोग से चिकित्सा सामग्री जुटाई गई। इस अस्पताल के शुरू होने के साथ ही कोरोना के मरीजों की संख्या में कमी आ गई। यहां चिकित्सा विभाग की ओर से तीन शिफ्टों में लगा चिकित्सा स्टॉफ हटा दिया गया।
यहां अब बहादरपुर से प्रति नियुक्ति पर आए चिकित्सक डॉ. अनुराग सिंह और दो चिकित्सा कर्मी तैनात है, जबकि अन्य स्टॉफ को वापस भेज दिया गया है।
अस्पताल को मॉडल के रूप में लाएंगे-

इस अस्पताल को पूरी तरह कोविड की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयार कर रहे हैं। इसमें संसाधनों की कमी आड़े नहीं आएगी। इसके लिए वेंटीलेटर आ रहे हैं और आईसीयू तैयार किया जाएगा।
-टीकाराम जूली, श्रम राज्य मंत्री, अलवर।

अस्पताल बच्चों के लिए जरूरी-

यह अस्पताल बच्चों के लिए कारगर साबित होगा। दूसरी लहर में हम देख चुके हैं कि चिकित्सा संसाधनों की कमी महसूस की जाने लगी। बच्चों की जान की सुरक्षा के लिए इसे मॉडल के रूप में विकसित करना बेहतर प्रयास है।
– जितेन्द्र सिंह , राष्ट्रीय महासचिव, कांग्रेस।

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