फतेहजंग गुंबद – 500 मीटर
पुरजन विहार – 1 किमी होपसर्कस 2 किमी
सिटी पैलेस 4 किमी मूसी महारानी की छतरी – 4 किमी
सागर जलाशय- 4 किमी
राजकीय संग्रहालय 4 किमी
जयसमंद 9 किमी
बाला किला 10 किमी
सिलीसेढ 15 किमी
तालवृक्ष 40 किमी
भर्तृहरिधाम 35 किमी
टाइगर रिजर्व सरिस्का 35 किमी
नीलकंठ 75 किमी
भानगढ़ 85 किमी
पुरजन विहार – 1 किमी होपसर्कस 2 किमी
सिटी पैलेस 4 किमी मूसी महारानी की छतरी – 4 किमी
सागर जलाशय- 4 किमी
राजकीय संग्रहालय 4 किमी
जयसमंद 9 किमी
बाला किला 10 किमी
सिलीसेढ 15 किमी
तालवृक्ष 40 किमी
भर्तृहरिधाम 35 किमी
टाइगर रिजर्व सरिस्का 35 किमी
नीलकंठ 75 किमी
भानगढ़ 85 किमी
वेपन म्यूजियम बनने से बढे़गे पर्यटक
अलवर के बाला किला में 3 कराेड की लागत से विकास कार्य करवाए गए हैं। इस साल में यहां वेपन म्यूजियम बनाया जाएगा। हवाई बूर्ज पर टेलीस्काेप लगाना भी प्रस्तावित है। मूसी महारानी की छतरी पर एक करोड़ की लागत से मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है। शहर के होपसर्कस पर भी 50 लाख रुपए की लागत से काम करवाया जा रहा है। इससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
अलवर के बाला किला में 3 कराेड की लागत से विकास कार्य करवाए गए हैं। इस साल में यहां वेपन म्यूजियम बनाया जाएगा। हवाई बूर्ज पर टेलीस्काेप लगाना भी प्रस्तावित है। मूसी महारानी की छतरी पर एक करोड़ की लागत से मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है। शहर के होपसर्कस पर भी 50 लाख रुपए की लागत से काम करवाया जा रहा है। इससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
संग्रहालय में आते हैं हजारों पर्यटक
अलवर संग्रहालय में प्रतिमाह 6 हजार से ज्यादा पर्यटक् आते हैं। इस बार मार्च में 8053, अप्रेल – 6753 पर्यटक अलवर आए। इसी तरह से सिलीसेढ पर प्रतिदिन 150 से 200 पर्यटक आते हैं। प्रतिमाह करीब छह हजार पर्यटक आते हैं।
अलवर संग्रहालय में प्रतिमाह 6 हजार से ज्यादा पर्यटक् आते हैं। इस बार मार्च में 8053, अप्रेल – 6753 पर्यटक अलवर आए। इसी तरह से सिलीसेढ पर प्रतिदिन 150 से 200 पर्यटक आते हैं। प्रतिमाह करीब छह हजार पर्यटक आते हैं।
अलवर में वीकेंड टूरिज्म का क्रेज सिलीसेढ़ होटल के मैनेजर केसरसिंह शेखावत ने बताया कि अलवर देश की राजधानी दिल्ली व राज्य की राजधानी जयपुर के नजदीक होने के कारण् यहां पर पर्यटक अधिक आते हैं। अलवर में पिछले कुछ सालों में वीकेंड टूरिज्म बढ़ा है। इसमें पर्यटक शनिवार व रविवार को अलवर भ्रमण पर आते हैं। सोमवार की सुबह रवाना हो जाते हैं। इन दो दिनों में हजारों पर्यटक अलवर आते हैं। पिछले सालों में हसन खां मेवाती पनोरमा, भर्तृहरि पनोरमा, स्वामी विवेकानंद पनोरमा जैसे स्थल भी पर्यटकों के लिए बनाए गए हैं।
अलवर आने वाले पर्यटकों की संख्या 2018 289627 2019 490469
2020 208204 2021 374041
2022 663336 2023 431531 जनवरी से अप्रेल 2023
————– सिलीसेढ़ होटल में चल रहा है काम
अलवर जिले में अनेक पर्यटक स्थलों पर सरकार की ओर से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं इससे पर्यटन की तस्वीर आने वाले दिनों में बदल जाएगी। आरटीडीसी की हेरिटेज संपत्तियों का संरक्षण और जीर्णोंदार कार्य के तहत सिलीसेढ़ लेक पैलेस पर कार्य करवाया जा रहा है जिसमें करीब 88 लाख रुपए की लागत आई है।