इस तरह आ रहा है टैक्स : नगर निगम को नगरीय विकास कर के नाम पर वर्ष 2022-23 में 1.85 करोड़, वर्ष 2023-24 में 2 करोड़ रुपए मिले थे। इस साल का लक्ष्य 2.30 करोड़ का है। सवाल यह उठा कि शहर की आबादी 4.62 लाख पहुंच गई। आवासों की संख्या 1 लाख पार है। ऐसे में टैक्स कम क्यों आ रहा है ? इसके बाद प्रोपर्टी सर्वे के टेंडर किए गए हैं।
सर्वे में आ रहे चौंकाने वाले परिणाम : सर्वे के दौरान 25 फीसदी से ज्यादा ऐसे भवन मिले हैं, जिनका आकार बढ़ा हुआ है और टैक्स कम दे रहे थे। वहीं करीब 20 फीसदी आवास ऐसे हैं जो टैक्स के दायरे से बाहर थे। कॉमर्शियल प्रोपर्टी के जरिए भी टैक्स में बढ़ोतरी होगी। सर्वे के दौरान लोगों से ही फार्म भरवाए जा रहे हैं। साथ ही नोटिस भी संबंधित एजेंसी की ओर से लोगों को दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि निकाय चुनाव के बाद वसूली की कार्रवाई नगर निगम शुरू कर देगा।
यहां मिलेगी छूट यूआईटी के सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता धर्मेंद्र शर्मा कहते हैं कि जिनके आवास 300 वर्ग गज तक हैं, वह टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे। वहीं 100 वर्ग गज तक के कॉमर्शियल भवन भी टैक्स से छूट पाएंगे। इससे बड़े भवनों को टैक्स के दायरे में लाया जाएगा। ऐसे में निगम नियमों का ध्यान रखे। हर किसी से वसूली न करे।