प्रदेश में नए जिलों के गठन की चर्चा लंबे समय से है। चुनावी साल में राज्य सरकार प्रदेश में नए जिलों का गठन कर इन चर्चाओं को विराम दे सकती है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से विभिन्न विभागों से जानकारी भी मंगवाई जा चुकी है।
मासूम से हारी मौत. . .ऑक्सीजन लेवल 40, धड़कन दो बार बंद, फिर लौटे प्राण
इसलिए नए जिले बनाने की जरूरत
राज्य सरकार के समक्ष राजनीतिक तौर पर नए जिले बनाने का दवाब है। वहीं वर्तमान में जिलों की आबादी व भौगोलिक क्षेत्र बड़ा होने से प्रशासनिक तंत्र की मॉनिटरिंग भी समस्या रहती है। अलवर जिले की वर्तमान आबादी करीब 44 लाख है और जिले में 16 ब्लॉक है।
ऐसे में जिला मुख्यालय से 16 ब्लॉकों के प्रशासनिक तंत्र की मॉनिटरिंग आसान नहीं है। वहीं वर्तमान में अलवर जिले का भौगोलिक क्षेत्र भी काफी लंबा- चौड़ा है। इसी कारण अलवर जिले के आसपास नए जिलों के गठन की चर्चा है।
कोटपूतली बन सकता है नया जिला
राज्य सरकार की ओर से नए जिलों की घोषणा में कोटपूतली को नया जिला बनाया जा सकता है। हालांकि भिवाड़ी को नया जिला घोषित करने की चर्चा है, लेकिन इस प्रस्ताव को लेकर सरकार स्तर पर हलचल कम है। कोटपूतली नया जिला बनने पर अलवर जिले के बहरोड, नीमराणा व बानसूर ब्लॉक उसमें शामिल किए जा सकते हैं।
राजस्थान में कड़ाके की सर्दी, जमी बर्फ, ऑरेंज व येलो अलर्ट जारी
हालांकि राजनीतिक स्तर पर संभावना कम है, लेकिन यदि सरकार भिवाड़ी को नया जिला घोषित करती है तो अलवर जिले की इकोनोमिक लाइफ लाइन गड़बड़ा सकती है। भिवाड़ी में तिजारा, कोटकासिम, किशनगढ़बास ब्लॉकों को शामिल किया जा सकता है। वहीं कठूमर ब्लॉक को भरतपुर जिले में शामिल किया जा सकता है।