उल्लेखनीय है कि सफाई कर्मचारी भर्ती की लॉटरी निकालने से एक दिन पहले 26 जून को आयुक्त व पार्षदों के बीच कहासुनी हो गई थी जिसका एक वीडियो वायरल करते हुए पार्षदों ने आरोप लगाया था कि आयुक्त ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है। हालांकि आयुक्त यह कहते रहे कि दोनों तरफ से हॉट टॉक के अलावा कुछ नहीं हुआ। इसके बाद से ही मामला तूल पकड़ता गया। नगर परिषद बोर्ड की आपात बैठक में पार्षदों ने आयुक्त के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव पारित किया।
इसके बाद आयुक्त के अवकाश पर जाने पर कार्यवाहक आयुक्त लगाया गया। निन्दा प्रस्ताव के जरिए विभाग के जरिए कोई कार्रवाई होती उससे पहले ही आयुक्त संजय शर्मा वापस आ गए। उन्होंने कोतवाली से सुरक्षा भी मांग रखी है जो मंगलवार को कार्यालय में दिखी। इसे भी पार्षद व सभापति ठीक नहीं मान रहे। उनका कहना है कि आयुक्त जानबूझकर नगर परिषद को छावनी बना रहे हैं।
नगर परिषद सफाईकर्मी भर्ती: आयुक्त मामले में कलेक्टर के पास पहुंचे पार्षद, प्रशासन से लगाई यह गुहार एडीएम आए फिर भी समझौता नहीं सभापति व पार्षदों ने पूरे घटनाक्रम से जिला कलक्टर को अवगत कराया था। उसके अगले दिन मंगलवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर महेन्द्र मीना नगर परिषद पहुंचे। सभापति के चैम्बर में आयुक्त को भी बुलाया। लेकिन पार्षदों व आयुक्त के बीच समझाइश हो नहीं सकी। इस उटापटक में सफाई कर्मचारी भर्ती प्रभावित हो रही है। अब नए सिरे से लॉटरी निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिसके लिए भी अलग से समिति बनाई है।
माहौल खराब हो रहा जिस तरह का माहौल बन रहा है उसे देखते हुए पुलिस को सूचित किया हुआ है। अब कामकाज सामान्य रूप से शुरू हो गया है। भर्ती की लॉटरी की तैयारी चल रही है।
संजय शर्मा, आयुक्त, नगर परिषद अलवर
संजय शर्मा, आयुक्त, नगर परिषद अलवर