नया जिला खैरथल ही अभी रेल कनेक्टिविटी मामले में बेहतर है, वहीं कोटपूतली- बहरोड़ जिला रेल सेवा से पूरी तरह महरूम है। इस जिले का कोई भी हिस्सा फिलहाल रेल सेवा से जुड़ा नहीं है। इस नए जिले का दारोमदार केवल रोड कनेक्टिविटी पर निर्भर है। यह जिला दिल्ली- जयपुर नेशनल हाइवे से जुड़ा है। इस कारण यहां के लोगों को यातायात के लिए ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
खैरथल में साधारण ट्रेनों का ठहराव नए जिले खैरथल में रेलवे स्टेशन है। यह दिल्ली- जयपुर रेल मार्ग पर िस्थत है, इस कारण यहां से दिल्ली- जयपुर सहित अन्य बड़े शहरों के लिए दिन व रात को अनेक ट्रेनें गुजरती है, लेकिन खैरथल अभी छोटा रेलवे स्टेशन होेने के कारण यहां केवल पैंसेजर एवं साधारण श्रेणी की ट्रेनों का ही ठहराव है। जबकि वंदे भारत सेमी हाई स्पीड ट्रेन, शताब्दी एक्सप्रेस, डबल डेकर सहित अनेक द्रुतगामी ट्रेनों का अभी ठहराव नहीं है।
बहरोड़ में रेपिड रेल को केन्द्र की हरी झंडी नहीं नया जिला कोटपूतली- बहरोड़ का लगभग पूरा क्षेत्र अभी रेल सेवा से नहीं जुड़ सका है। बहरोड़, शाहजहांपुर तक रेपिड रेल लाने की योजना है, लेकिन केन्द्र सरकार की मंजूरी के अभाव में यहां रेपिड रेेल आने का सपना अभी अधूरा है। वहीं नए जिला खैरथल का संभावित हिस्सा भिवाड़ी, तिजारा, कोटकासिम, किशनगढ़बास आदि क्षेत्र भी अभी तक रेल सेवा से नहीं जुड़ पाया है।
हाइवे के भरोसे नए जिलों की आस नए जिले कोटपूतली- बहरोड़ एवं खैरथल के विकास एवं यातायात जरूरत पूरी होने की आस नेशनल हाइवे पर टिकी है। दिल्ली- जयपुर नेशनल हाइवे से भिवाड़ी, बहरोड़, नीमराणा, शाहजहांपुर, कोटपूतली आदि क्षेत्र का जुड़ाव है। वहीं प्रस्तावित पनियाला- बडौदामेव नेशनल हाइवे से बहरोड़, मुण्डावर, किशनगढ़बास एवं अलवर का जुड़ाव रहा है। वहीं भिवाड़ी, तिजारा आदि क्षेत्र मेगा हाइवे फोरलेन से जुड़ा है।