वन मंडल अलवर के डीएफओ अपूर्व कृष्ण श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह डढ़ीकर के जंगल में पैंथर का शव पड़ा होने की सूचना मिली। इस पर विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में लिया और विभाग के रेंज कार्यालय में लेकर आए। यहां तीन पशु चिकित्सकों के बोर्ड ने पैथर के शव का पोस्टमार्टम किया। उन्होंने बताया कि पैंथर के दांत, नाखून, बाल एवं अन्य बॉडी पार्ट सलामत मिले हैं, लेकिन गले में दांत या नाखून के निशान मिले हैं। इस कारण पैंथर की मौत का कारण प्रथम दृष्टया बाघ का हमला या पैंथरों के बीच संघर्ष लगता है। उधर, पशु चिकित्सकों ने भी प्रथम दृष्टया पैंथर की मौत का कारण बाघ या पैंथरों के बीच संघर्ष बताया है। मृत पैंथर की उम्र करीब 4 साल है और यह नर पैंथर है। पैंथर शेड्यूल फर्स्ट का वन्यजीव है, इस कारण पोस्टमार्टम के बाद पैंथर के शव का शेड्यूल फर्स्ट के प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कराया गया।
शव पुराना, कीड़े लगे मिले पैंथर का शव 5 से 7 दिन पुराना बताया गया है। शव पर कीड़े लगे मिले और दुर्गन्ध आ रही थी। यानी पैंथर की मौत पहले ही हो चुकी थी। शव से दुर्गन्ध आने के बाद लोगों को इसकी जानकारी हुई तो वन विभाग को सूचना दी गई।
बाघ एसटी-18 का मूवमेंट है डढ़ीकर जंगल में बाघ- 18 का मूवमेंट डढ़ीकर जंगल में रहा है। यह बाघ यहां अपनी टैरिटरी तलाश रहा है, ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि संभवत: बाघ ने पैंथर को टैरिटरी से खदेड़ने के लिए हमला किया, जिसमें उसकी मौत हो गई। पैंथर के गले पर दांत या नाखून का बड़ा निशान मिला है। पैंथर बाघ का प्रिय भोजन है। बाघ हमले के दौरान सबसे पहले पैंथर की गर्दन पर वार करता है, इसमें कई बार मुंह और कभी पंजे से वार कर पैंथर को गिरा देता है। संभावना है कि पैंथर की गर्दन पर भी बाघ एसटी-18 ने मुंह या पंजे से वार घायल किया हो। उधर, पैंथर के सभी कोई भी अंग खंडित नहीं मिला है, इस कारण शिकार की आशंका कम जताई गई है। डढ़ीकर के जंगल में अनेक पैंथरों का विचरण है। इस कारण पैंथरों के बीच भी संघर्ष की आशंका है।
मेडिकल बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम पशु चिकित्सालय के उप निदेशक डॉ. राजेश गुप्ता के अनुसार पैंथर के शव का डॉ. मोहित गुप्ता, डॉ. गजेन्द्र यादव एवं डॉ अनुज के बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया।