अवैध खनन रोकने की बड़ी जिम्मेदारी खान विभाग की है। राज्य सरकार की ओर से खान विभाग में नाम मात्र का स्टाफ स्वीकृत है। नतीजा यह रहा कि अवैध खनन पर प्रभारी रोक नहीं लग पाई। हालांकि राज्य सरकार की ओर से अवैध खनन पर रोक के लिए एसआईटी का गठन किया हुआ है। इसमें खनन के अलावा राजस्व, पुलिस, वन एवं परिवहन को भी अवैध खनन रोकने का जिम्मा दिया हुआ है, लेकिन लंबे समय से एसआईटी की संयुक्त कार्रवाई का अभाव रहा।
तीन जिले, दो अधिकारी, तीन फोरमैन अवैध खनन रोकने के लिए वर्तमान में अलवर खनि अभियंता कार्यालय अलवर के अंतर्गत दो खनि अभियंता, तीन फोरमैन और करीब एक दर्जन बॉर्डर होमगार्ड के जवान हैं। इन दो खनि अभियंताओं पर अलवर, खैरथल- तिजारा एवं कोटपूतली- बहरोड़ जिले में अवैध खनन रोकने की जिम्मेदारी है। वहीं संसाधन भी नाम मात्र के हैं। इसी प्रकार वन मंडल अलवर की 7 रेंज में 17 नाके व 24 चौकी हैं। जिले में फोरेस्ट गार्ड के स्वीकृत पदों में एक चौथाई ही कार्यरत हैं।
खनन से राजस्व पर ध्यान, संसाधन पर नहीं वर्ष राजस्व लक्ष्य राजस्व करोड़ में 2019-20 91.14 करोड़ 77. 87 करोड़ 2020- 21 90 करोड़ 90.40 करोड़
2021-22 92 करोड़ 97.40 करोड़
2022-23 110 करोड़ 119. 22 करोड़ अलवर की फैक्ट फाइल जिले में प्रभावशाली खनन पट्टे- 317 मेसनरी स्टोन के खनन पट्टे- 160 मार्बल के खनन पट्टे- 134 अन्य खनिज के खनन पट्टे- 23
सरिस्का के 10 किमी में प्रभावशाली खनन पट्टे- 148 सरिस्का क्षेत्र में चालू खनन पट्टे- 65 सरिस्का क्षेत्र में बंद खनन पट्टे- 83 आज से शुरू होगा अवैध खनन पर रोक का अभियान
अलवर जिले सहित प्रदेश में सोमवार से शुरू हो रहे अवैध खनन पर रोक लिए अभियान को लेकर रविवार को जिला कलक्टर आशीष गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि अवैध खनन पर रोक के लिए जिले में 15 से 31 जनवरी तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने पुलिस, परिवहन, वन एवं खनिज विभाग के अधिकारियों को जिला व उपखण्ड स्तर पर समन्वय स्थापित कर संयुक्त टीम बनाकर अवैध खनन पर प्रभावी लगाम लगाने के निर्देश दिए। अवैध खनन में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कडी कार्रवाई करने, अवैध खनन सामग्री जब्त करने, वैध एवं अवैध खनन के क्षेत्रों को चिन्हित कर सूची अवैध खनन रोकथाम टीमों को उपलब्ध कराने। लीज क्षेत्र से बाहर अवैध खनन मिलने पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। उधर, खनन विभाग ने करीब 12 टीमों का गठन किया है, वहीं वन विभाग ने वनपाल को तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।