गोद लेने वालों ने कहा, सहयोग नहीं मिला योगेश गोयल एण्ड संस फर्म ने करीब दस साल तक घण्टाघर की घड़ी को चलाए रखा। बराबर मेनटेन किया। करीब पांच साल पहले घण्टाघर पर फर्म की ओर से हॉर्डिंग लगाया गया था। यूआईटी व नगर परिषद के अधिकारियों ने फर्म से लिखित में जवाब मांगा। साथ में यह भी कहा कि हॉर्डिंग नहीं हटाया तो कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद फर्म ने अपने हाथ पीछे खींच लिए।
फर्म के प्रतिनिधि राजकुमार गोयल ने बताया कि घण्टाघर को गोद लेकर पूरी देखरेख कर रहे थे। एक व्यक्ति सिर्फ घण्टाघर की घड़ी को चलाए रखने के लिए चाबी भरने के लिए लगा रखा था। जब प्रशासन का सहयोग ही नहीं मिला तो हम पीछे हट गए। उसके बाद प्रशासन ने एक बार भी प्रयास नहीं किया।
घण्टाघर की घड़ी बंद होने की सूचना मिली है। इसे जल्दी ठीक करा रहे हैं। पहले घण्टाघर देखरेख के लिए गोद दिया हुआ था। अब इसकी पूरी जानकारी के बाद समाधान कराएंगे।
-रामकिशोर मीना, आयुक्त, नगर परिषद अलवर
-रामकिशोर मीना, आयुक्त, नगर परिषद अलवर