अलवर

बाघ- बघेरे देखने हैं तो अलवर आएं पर्यटक

पर्यटकों को अब अलवर शहर के आसपास खूब वन्यजीव दिख रहे हैं। शहर से कुछ दूरी पर तैयार लव कुश वाटिका में वन्यजीव पानी पीने आते हैं। वन विभाग की ओर से यहां लगाए सीसीटीवी कैमरों में ये वन्यजीव सहज ही नजर आ रहे हैं।

अलवरJun 13, 2023 / 12:20 am

Prem Pathak

बाघ- बघेरे देखने हैं तो अलवर आएं पर्यटक


अलवर. बाघ, बघेरे व अन्य वन्यजीव अब पर्यटक अलवर एवं आसपास भी सहज देख सकते हैं। सरिस्का के अलवर बफर जोन एवं लवकुश वाटिका नए टूरिस्ट प्वाइंट के रूप में विकसित हुए है। यहां बाघ से लेकर सांभर, चीतल, हरिण, नीलगाय व अन्य वन्यजीव आसानी दिखाई पड़ रहे हैं।
अलवर जिले में सरिस्का व अलवर बफर जोन के बाला किला जंगल में बाघ, पैंथर की खूब साइटिंग हो रही है। वहीं वन विभाग की ओर से तैयार लव कुश वाटिका वन्यजीवों का नया ठिकाना बनने लगी है।
पानी का बनाया स्थाई जल स्रोत

अलवर के समीप चूहड़ सिद्ध की पहाड़ी पर पिछले दिनों वन विभाग की तरफ से लव कुश वाटिका बनाई गई। इस पर स्थाई पानी के तालाब बनाए गए हैं। बड़ी संख्या में पेड़ पौधे लगाए गए हैं व प्राकृतिक ट्रैक तैयार किया गया है। इसमें हजारों पेड़ लगाए गए। वॉच टावर, बच्चों के लिए पार्क, घूमने के लिए वाकिंग ट्रेक, नेचुरल गार्डन, पक्के पानी के पोंड व झूले सहित अन्य चीजें तैयार की गई हैं। इन तालाब पर बड़ी संख्या में वन्यजीव पानी पीने आ रहे हैं।
कैमरों में कैद हुए पैंथर, हाइना

लव कुश वाटिका में बने पानी के पोंड के पास कैमरे लगाए गए। इन कैमरों में पैंथर, हाइना, सांभर, चीतल, नीलगाय सहित सरिस्का के जंगल में मिलने वाली प्रजातियों के वन्यजीव कैद हुए हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरिस्का और बाला किला बफर जोन के बाद अब लव कुश वाटिका में भी वन्य जीव पहुंचने लगे हैं। शहर के समीप लव कुश वाटिका वन्यजीवों के लिए बेहतर विकल्प है।
तालाब में रहता है साल भर पानी

वन विभाग के डीएफओ एके श्रीवास्तव ने बताया कि लव कुश वाटिका में पक्के पोंड होने के कारण साल भर उनमें पानी रहता है। ऐसे में पानी पीने के लिए आसपास से बड़ी संख्या में वन्यजीव लव कुश वाटिका आ रहे हैं। ये वन्यजीव लोगाें को भी खूब दिख रहे हैं।

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