टहला सड़क मार्ग से करीब दो किलोमीटर दूर कूचां गांव स्थित है। ग्रामीणों को पहाड़ी की घाटी में कच्चे मार्ग व कंटीली झाड़ियों तथा वीरान जंगल में होकर गांव पहुंचना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के दिनों में पहाड़ का पानी रास्ते में आने के कारण उनका निकलना दुभर हो जाता है।
ग्रामीणों के सहयोग से ग्रेवल सड़क बनाई गई। बारिश के दिनों में सड़क पहाड़ों से आने वाले पानी के कारण कट जाती है। इसके अलावा दूसरा मार्ग भी कच्चा हैं तथा बांध में पानी आने के कारण वो बारिश के दिनों में बंद हो जाता है।
प्रसूता को ले जाने को नहीं आती एबुलेंस
गांव में ना तो आंगनबाड़ी है और ना ही उप स्वास्थ्य केन्द्र। डिलीवरी के लिए प्रसूता को राजगढ़ चिकित्सालय ले जाने के लिए एबूलेंस भी नहीं आती। कूचां गांव में पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्रामीणों को दूर-दराज के बोरिंगों से पानी लाकर प्यास बुझानी पड़ रही है।
शादी में आती है अड़चन
सड़क मार्ग नहीं होने के कारण युवाओं की शादी नहीं हो पा रही है। मानसिंह, निहाल सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सड़क नहीं होने के कारण युवाओं की शादी नहीं हो पा रही। गांव में करीब 50 मीना एवं गुर्जर जाति के परिवार निवास करते हैं और जनसंख्या करीब 300 हैं। गांव में करीब सौ मतदाता हैं।
स्कूल में छह बच्चे
गांव में राजकीय प्राथमिक विद्यालय की सुविधा है। जिसमें छह बालक-बालिकाएं अध्ययनरत हैं। इसके लिए दो शिक्षक लगे हुए हैं। बच्चों को पानी पीने के लिए एक हैण्डपप लगा हुआ है। इसके बाद बच्चों को अध्ययन के लिए करीब पांच किलोमीटर दूर श्रीचंदपुरा गांव की स्कूल में जाना पड़ता है।
जंगली जानवरों का भय
गांव चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा होने तथा जंगल से रात को बाघ, बघेरा सहित अन्य जानवर आते रहते हैं। पशुओं को शिकार बनाते है। मानसिंह गुर्जर के बाड़े में बछडे़ को जंगली जानवर ने शिकार बना लिया। ग्रामीण भय के कारण बकरियां भी कम पालते है। नीलगाय सहित अन्य जंगली जानवर फसल को नष्ट कर देते है। श्रीचंदपुरा मनोहर लाल वर्मा का कहना है कि अप्रेल में 5 लाख की लागत से गांव में एक ओर सीसी रोड बना दिया जाएगा। पेयजल के लिए टंकी का कार्य प्रगति पर हैं तथा बोरिंग कराई गई है। टहला से कूचां जाने वाले रास्ते का कुछ हिस्सा फोरेस्ट में होने के कारण सड़क नहीं बन पा रही है।