अलवर

13 सभापति बदले, दो ही पूरा कर सके कार्यकाल

अलवर. “हवा होठ पर जीभ फेरती, मौसम बदल रहा है” प्रसिद्ध कवि की ये पंक्तियां एक बार फिर राजस्थान के बड़े जिलों में शुमार अलवर नगर परिषद पर चरितार्थ हो रही है। परिषद की शीर्ष कुर्सी पर 90 के दशक से चला बदलाव का दौर एक बार फिर पुनरावृति के संकेत दे रहा है।

अलवरMay 03, 2023 / 08:44 pm

Sujeet Kumar

13 सभापति बदले, दो ही पूरा कर सके कार्यकाल

– अलवर नगर परिषद में इस बार तीन साल में सभापति की कुर्सी पर तीन चेहरे बदले
अलवर. “हवा होठ पर जीभ फेरती, मौसम बदल रहा है” प्रसिद्ध कवि की ये पंक्तियां एक बार फिर राजस्थान के बड़े जिलों में शुमार अलवर नगर परिषद पर चरितार्थ हो रही है। परिषद की शीर्ष कुर्सी पर 90 के दशक से चला बदलाव का दौर एक बार फिर पुनरावृति के संकेत दे रहा है।
सभापति की इस कुर्सी पर “तू चल मैं आऊं” के किस्से शहर में करीब करीब तीन दशक से चले आ रहे हैं। परिषद में अब तक मात्र दो सभापति ही अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाए हैं। बाकी हर कार्यकाल में दो से तीन सभापति रहे हैं। मौजूदा बोर्ड के भीतर भी तीन साल में सभापति की कुर्सी पर तीन चेहरे बदल चुके हैं । हालांकि अभी यह तय नहीं है कि अगला सभापति कौन होगा? लेकिन सभापति की कुर्सी को लेकर अलवर की राजनीति पूरे उबाल पर है।
29 साल में 13 सभापति रहे
अलवर शहर में वर्ष 1994 से निकाय चुनाव शुरू हुए थे। इसके बाद से निकाय चुनाव लगातार जारी हैं। इस 29 साल के दौरान अलवर नगर परिषद में पांच बोर्ड का कार्यकाल पूरा हो चुका है तथा छठे बोर्ड का कार्यकाल चल रहा है। विशेष बात यह है कि इस 29 साल के कार्यकाल में छह सभापति होने चाहिए थे, लेकिन अब तक 13 सभापति बन चुके हैं। अभी मौजूदा बोर्ड का करीब डेढ़ साल का कार्यकाल शेष है और बदलाव का दौर जारी है।
सैनी और सौगण 12 बार अदल-बदल हुए
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1997 से 1998 में अलवर नगर परिषद बोर्ड में जबरदस्त घमासान रहा था। योगेश सैनी और शिवलाल सौगण आपस में 12 बार सभापति की कुर्सी पर अदल-बदल हुए। इस दौरान एक समय ऐसा भी आया जब कुछ घंटों में ही सभापति बदले गए। ये दोनों ही कांग्रेस के समर्थन से सभापति बने थे। इस घमासान के बीच करीब 8 माह के लिए संजय नरुका को भी सभापति मनोनीत किया गया था।
अजय अग्रवाल और अशोक खन्ना कर पाए कार्यकाल पूरा
अलवर नगर परिषद के अब तक के छह बोर्ड में से मात्र दो बोर्ड में ही सभापति अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर सके। इनमें वर्ष 2004 से 2009 तक अजय अग्रवाल और वर्ष 2014 से 2019 तक अशोक खन्ना का कार्यकाल शामिल है।
तीन अविश्वास प्रस्ताव आए, एक ही पास हुआ

अलवर नगर परिषद के तीन दशक के कार्यकाल में तीन अविश्वास प्रस्ताव भी आए। जिनमें सबसे पहले 90 के दशक में तत्कालीन सभापति योगेश सैनी, 2004 से 09 के कार्यकाल में सभापति अजय अग्रवाल और फिर 2014 से 19 के कार्यकाल में सभापति अशोक खन्ना के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया। जिसमें योगेश सैनी के खिलाफ ही अविश्वास प्रस्ताव पास हो सका। अजय अग्रवाल और अशोक खन्ना के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव फेल रहा।
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अलवर नगर परिषद बोर्ड का सभापति सफरनामा

वर्ष 1994 से 1999

1. योगेश सैनी
2. शिवलाल सौगण

3. संजय नरुका
वर्ष 1999 से 2004
1. मीना सैनी

2. शकुंतला सोनी
वर्ष 2004 से 2009
1. अजय अग्रवाल
वर्ष 2009 से 2014

1. हर्षपाल कौर
2. सुनीता खाम्बरा

3. कमलेश सैनी
वर्ष 2014 से 2019
1. अशोक खन्ना

वर्ष 2019 से 2024

1. बीना गुप्ता
2. मुकेश सारवान

3. घनश्याम गुर्जर
4. —–?

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