रिश्तेदार की जमीन पर भी किया कब्जा
अतीक ने जरायम की दुनिया में अपनी बादशाहत बनाए रखने के लिए रिश्तेदारों को भी नहीं बख्शा। वह जमीन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। कसारी मसारी प्रयागराज निवासी जीशान उर्फ जानू इसी का जीता जागता उदाहरण है। दरअसल, जीशान अतीक के साढू इमरान जई के छोटे भाई हैं।
अतीक ने जीशान की जमीन कब्जा करने के लिए उसके घर को जेसीबी से गिरवा दिया था। इतना ही नहीं उससे पांच करोड़ की रंगदारी के साथ उस पर हमला किया था, जिसका जीशान ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसी तरह सभासद अशफाक कुन्नू का वर्ष 1994 में कत्ल हो गया। इस हत्याकांड को अतीक और अशरफ ने अंजाम दिया था, लेकिन अतीक की ऐसी दहशत थी कि उस पर कानूनी शिकंजा नहीं कस सका।
भाजपा सरकार में हुआ मामला दर्ज
घटना के पांच साल बाद 1999 में तब के एसपी सिटी लालजी शुक्ला ने अशफाक कुन्नू हत्याकांड में अशरफ की गिरफ्तारी की, उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी।
नस्सन को गोली से उड़ाया
अतीक पर उसके अपने करीबी पार्षद नस्सन को गोली मारने का मामला सामने आया था। दरअसल, वार्ड पार्षद नस्सन ने अतीक के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी थी। ऐसे में दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई थी। वर्ष 2001 में नस्सन को अतीक ने चकिया में गोलियों से छलनी कर दिया था।
भाई के नाम का दूसरा बंदा नहीं था मंजूर
अतीक के क्षेत्र में ही भाजपा से जुड़े एक नेता अशरफ थे। अतीक को वह इसलिए पसंद नहीं थे क्योंकि उसके भाई का नाम भी अशरफ ही था। वर्ष 2003 में गोली मारकर भाजपा के इस नेता की हत्या कर दी। इसमें सबसे अधिक हैरान करने वाला मामला यह था कि अशरफ की हत्या के बाद उसके शव को लेकर अतीक के गुर्गे भाग गए थे।
बिजली पर पेशाब कराया फिर करेंट देकर मार डाला
वर्ष 1989 में प्रयागराज के झालना इलाके में बृजमोहन उर्फ बच्चा कुशवाहा की साढ़े बारह बीघे जमीन को अतीक ने कब्जा कर लिया। विरोध करने पर अतीक ने बच्चा को गायब करवा दिया, जिसका आज तक पता नहीं चला। बताया जाता है कि कुशवाहा को बिजली के करेंट पर जबरन पेशाब कराया गया और करेंट देकर मार डाला गया था। हालांकि उनकी डेड बॉडी आज तक नहीं मिली। बच्चा कुशवाहा के बेटे और उसकी पत्नी सूरज कली को मारने पीटने के साथ उसने कई बार गोली चलवाई।
1. जीशान उर्फ जानू पुत्र मो. जई नि. कसारी मसारी थाना धूमनगंज प्रयागराज।
2. मसले (मदरसा कांड में पुत्री के साथ बलात्कार की घटना ) अशरफ
3. स्व. अशफाक कुन्नू का परिवार। (अशफाक की हत्या वर्ष 1994 में हुयी थी)
4. पार्षद नस्सन का परिवार (वर्ष 2001 में पार्षद नस्सन की हत्या की गयी थी)
5. जैद बेली (दोहरा हत्याकांड बेली)
6. भाजपा नेता अशरफ पुत्र अताउल्ला का परिवार ( वर्ष 2003 में भाजपा नेता अशरफ की हत्या)
7. मकसूद पुत्र स्व. मो. कारी (मो. कारी की हत्या करने की घटना की गयी)
8. जैद (देवरिया जेल काण्ड)
9. अरशद पुत्र फरमुदमुल्ला नि. सिलना प्रयागराज (अरशद के हाथ पैर तोड़े)
10.जाबिर, बेली प्रयागराज (अल्कमा हत्याकांड में अतीक द्वारा फर्जी नामजद कराया गया तथा जमानत का विरोध अपने वकील के माध्यम से कराया जाता था।)
11. आबिद प्रधान
12. सउद पार्षद खुल्दाबाद
13. शाबिर उर्फ शेरू
14. जया पाल पत्नी स्व. उमेश पाल
15. सूरज कली (पति की हत्या व गवाही के लिए धमकी देना)
16. स्व. अशोक साहू का परिवार (वर्ष 1995 में अशोक साहू की हत्या की गयी
17. मोहित जायसवाल (देवरिया जेल कांड)
18. जग्गा का परिवार (मुम्बई से बुलाकर कब्रिस्तान में पेड़ से बांध कर जग्गा की हत्या)
19. पार्षद सुशील यादव
20. सिक्योरिटी इन्चार्ज राम कृष्ण सिंह