प्रयागराज. ‘कमाले बुजदिली है पस्त होना अपनी नजरों में अगर थोड़ी सी हिम्मत हो तो फिर क्या हो नहीं सकता’ UPPCS परिक्षा पास करने वाले कांस्टेबल श्याम बाबू न इस शेर को पूरी तरह चरितार्थ किया। दिन में नौकरी और रात को जाग-जागकर पढ़ाई कर उन्होंने अपना डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना पूरा कर ही लिया। श्याम बाबू को जब यह खबर मिली तो खुशी में वह अपनी मां से इतना ही कह पाए कि ‘ माई तोहार बेटा अधिकारी बन गइल। हमके दोसर नोकरी मिल गइल ह, एहसे अच्छा’। पिता धर्मनाथ को पहले से पता था कि बेटा नौकरी के साथ PCS की तैयारी कर रहा है और उसका रिजल्ट आने वाला है। उन्होंने खबर सुनी तो खुब खुश हुए। श्याम बाबू प्रयागराज में पुलिस हेडक्वार्टर पर कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। वह दिन में ड्यूटी करते थे और रात में पढ़ाई। उनकी यह मेहनत रंग लाई UPPCS 16 की परिक्षा में वह 52वीं रैंक पाकर उत्तीर्ण हुए।
यूपी के बलिया जिले की बैरिया तहसील के एक छोटे से गांव इब्राहिमाबाद गांव के श्यामबाबू पीसीएस 2016 की परिक्षा में 52वीं रैंक पाकर अब अधिकारी बन गए हैं। श्याम बाबू पिछले 14 सालों से उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। शुक्रवार को जब रिजल्ट निकला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। श्याम बाबू फिलहाल प्रयागराज पुलिस हेड क्वार्टर पर तैनात हैं।
बलिया के बैरिया तहसील अन्तर्गत इब्राहिमाबाद गांव के निवासी श्याम बाबू ने बलिया रानीगंज के सुदिष्ट बाबा इंटर कॉलेज से 2001 में फस्ट्र क्लास से हाई स्कूल और 2003 में इंटर मीडिएट पास किया। सुदिष्ट बाबा पीजी कॉलेज से 2008 में ग्रेजुएशन किया। यूपी पुलिस में वह 2005 में ही भर्ती हो गए थे। 2013 में मिर्जापुर में तैनाती के दौरान वहीं के केबी पीजी कॉलेज से एमए किया की परिक्षा पास की। अपनी वर्तमान नौकरी पर संतोष न करते हुए उन्होंने बड़ा सपना देखा और उसे साकार करने के लिये पुलिस की नौकरी के दौरान ही 2009-10 से अधिकारी बनने के लिये परिक्षा की तैयारी शुरू कर दी। 2013 में एमए पास करने के बाद वह इसमें और अधिक गम्भीरता से लग गए।
श्याम बाबू ने 2016 मार्च के महीने में पीसीएस प्री की परिक्षा दी। सितम्बर में मेंस का एग्जाम दिया, जिसका रिजल्ट नवंबर 2018 में आया। 10 दिसम्बर को इंटरव्यू हुआ था, जिसमें उनसे पुलिस महकमे की कमियों को लेकर सवाल किया गया। जिसके जवाब में उन्होंने पुलिस महकमे में फोर्स की कमी के अलावा कर्मचारियों की मूलभूत सुविधाओं के बारे को रेखांकित करते हुए जवाब दिया था। इसके अलावा पुलिस और जनता के बीच समन्वय पर जोर दिया था।
श्याम बाबू पुलिस की नौकरी भी करते रहे और साथ में उनकी अधिकारी बनने की तैयारी भी जारी रही। उन्होंने पत्रिका को बताया कि पुलिस की नौकरी में आफिस ड्यूटी के चलते उन्हें दिन में काम और रात को पढ़ाई का वक्त मिल जाता था। इसके चलते वह दोस्तों से भी दूर होते गए। श्याम बाबू के परिवार में उनकी मां किशोरी देवी, पिता धर्मनाथ के अतिरिक्त एक बड़े भाई और पांच बहनें भी हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। बड़े भाई उमेश कुमार इनकम टैक्स में इंस्पेक्टर के पद पर हैं।
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