यहां से छोड़े गए पानी मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और कानपुर बैराज बांध से आ रहे पानी से गंगा-यमुना उफान पर है। बाढ़ के पानी से तीन दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क टूट गया है और 128 से अधिक गांव बाढ़ के चपेट से आ गए हैं। शहरी इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लगभग साढ़े तीन लाख परिवार बाढ़ शिविर में ठिकाना बना लिया है। बाढ़ की विकराल स्थिति देखते हुए जिला प्रशासन ने 100 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है और 15 राहत शिविर को सक्रिय किया है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में अलर्ट जारी करते हुए एनडीआरएफ के जवानों की तैनाती कर दी गई है। बाढ़ में फसे लोगों को नाव और स्टीमर से बाढ़ शिविर सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है।
इस रफ्तार से घट रहा है जलस्तर प्रयागराज में गंगा-यमुना के जलस्तर घटने का सिलसिला जारी है। 30 अगस्त को सुबह से ही दोनों नदियों में जलस्तर की बढ़ोत्तरी में कमी आई है। गंगा-यमुना खतरे के निशान पार कर बह रही हैं। 4 बजे तक गंगा का जलस्तर 85.77 मीटर व यमुना जा जलस्तर 85.62 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। जिले में खतरे का निशान 84.73 मीटर पर हैं। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए जानकारी दी है कि नदियों का जलस्तर में कमी आई है।
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