सूत्रों की माने तो आशुतोष त्रिपाठी छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद यूपी के एक मंत्री से मिलने जाने वाला था। जिसके लिए सुमित ने आशुतोष को अपनी फॉर्चूनर गाड़ी दी थी। साथ ही सुमित में आशुतोष को कुछ पैसे भी दिए थे। छात्र संघ चुनाव जीतने के बाद आशुतोष की दुश्मनी बढ़ गई थी । वही इस बात की भी चर्चा रही की आशुतोष ने सुमित से एक असलहा मांगा जिस पर अच्युतानंदन आशुतोष को बुलाकर एक पिस्टल दी। साथ ही 5 को कारतूस भी दिए थे। लेकिन अच्युतानंद को नहीं पता था की वह खुद अपनी मौत का सामान अपने साथी को दे रहा है।
अच्युतानंद सुमित के ऊपर डेढ़ दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज थे।इलाहाबाद में एक दरोगा सहित एक सिपाही पर गोली चला कर सनसनी फैलाने वाले सुमित शुक्ला का नाम तब जरायम की दुनिया में सुर्ख़ियों में आया जब लखनऊ में एक दोहरे हत्याकांड में अच्युतानंद नाम सामने आया। लंबी फरारी के बाद सुमित को एसटीएफ ने मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था।
बड़ा सवाल यह है कि आशुतोष त्रिपाठी किस मंत्री से मिलने जाने वाला था। मंत्री से मिलने से पहले उसने सुमित को गोली क्यों मारी छात्रावास के अंतावासियों का कहना है कि बीते कुछ सालों से आशुतोष त्रिपाठी पीसीबी छात्रावास में सुमित शुक्ला के ही कमरे में रहता था।उन्हीं के साथ चलता था ज्यादातर लोग यही जानते थे कि सुमित का छोटा भाई है।वहीं सुमित की हत्या कांड के बाद जेल में बंद एक छात्र नेता का नाम सुर्खियों में है। कैंपस में इस बात की चर्चा रही थी सुमित शुक्ला के विरोधियों ने आशुतोष त्रिपाठी को बरगला दिया। और उसे बड़ी लालच देकर सुमित की हत्या करवा दी है।