मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत कर रही है। इस मामले में पिछले कई दिनों से 18 सिविल वादों की सुनवाई चल रही है। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति ट्रस्ट की ओर से आशुतोष पांडेय ने श्री राम जन्मभूमि विवाद में पारित आदेशों का हवाला देते हुए कहा था, “श्रीकृष्ण लला की मूर्ति की कानूनी हैसियत विधिक व्यक्ति की है। इसलिए उनके भक्तों को मुकदमा दाखिल करने का हक है।” वहीं, ईदगाह मस्जिद और वक्फ बोर्ड से जुड़े वकीलों का कहना है, “मौजूदा मामले में श्रीराम जन्मभूमि का फैसला लागू नहीं हो सकता।”
28 मई को होगी अगली सुनवाई
मुस्लिम पक्ष के वकील ने दलील दी कि पूजा का अधिकार अधिनियम की धारा तीन में स्पष्ट प्रावधान है कि राम जन्मभूमि का मामला विशेष है। यह फैसला राम जन्मभूमि के अतिरिक्त किसी मामले में लागू नहीं हो सकता। सुबह 11 बजे से शुरू हुई मामले की सुनवाई शाम चार बजे तक चली। इसके बाद इस केस में सुनवाई के लिए 28 मई की तारीख नियत कर दी गई।