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प्रयागराज

अयोध्या में राम मंदिर का नया मॉडल , ओंकारवाट की तरह, 21वीं सदी के मानकों से होगा निर्मित

-राम मंदिर 1008 फिट का होगा शिखर
-रामालय न्यास ने मांगा मंदिर निर्माण का अधिकार

प्रयागराजJan 22, 2020 / 08:12 pm

प्रसून पांडे

New model of Ram mandir in Shankaracharya Swaroopanand camp

अयोध्या में राम मंदिर का नया मॉडल , ओंकारवाट की तरह, 21वीं सदी के मानकों से होगा निर्मित

प्रयागराज। संगम की रेती पर राम मंदिर के निर्माण को लेकर संतो के बीच विवाद गहराता जा रहा है । विश्व हिंदू परिषद ने संत सम्मेलन के बाद माघ मेले में धर्म संसद का आयोजन किया गया । जिसमे राम मंदिर का नया मॉडल समाने आया है ।विहिप ने देश के बड़े संतों की अगुवाई में राम मंदिर निर्माण के लिए अपने मॉडल के अनुरूप मंदिर निर्माण की मांग सरकार से की, तो वही माघ मेले में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिविर में बुधवार को एक नया मॉडल रखा गया। विहिप के संत सम्मेलन के जबाब में शंकराचार्य शिविर में धर्म संसद का संसद आयोजित की गई।


रामालय न्यास सबसे उपयुक्त
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिविर में विश्व प्रसिद्ध ओंकारवाट मंदिर की तर्ज पर विशाल मॉडल श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए आज रखा गया । शंकराचार्य के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस दौरान संतो को संबोधित करते हुए इसमें स्वरूप के तहत मंदिर निर्माण कराने की मांग की। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने धर्म संसद में बताया कि राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद सरकार से रामालय न्यास की ओर से राम मंदिर बनाने केअधिकार की मांग की गई है। उन्होंने बताया की रामलला न्यास में चारों पीठों के शंकराचार्य, पांचों वैष्णव शंकराचार्य ,तेरह अखाड़ों के सदस्य हिंदू धर्माचार्य सभा तथा अयोध्या रामलला के मुख्य पुजारी सहित कुल 25 लोगों का न्यासी मंडल और 21 विभूतियां जिन्होंने इस दिशा में काम और सहयोग किया है वह सम्मिलित है। ऐसे में किसी और ट्रस्ट के गठन नहीं होना चाहिए ।

21वी सदी के मानकों से होगा निर्मित
धर्म संसद में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद किसी संगठन का नाम लिए बिना जमकर प्रहार किया है । उन्होंने कहा की अगर कोई यह कहता है कि हमने मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा किया है ,हमने पत्थर तराशे है ,और मंदिर का मॉडल पहले बनाया है । इस आधार पर हमें मंदिर बनाने का अधिकार मिलना चाहिए ,यह कैसे स्वीकार होगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या का मंदिर अद्वितीय मंदिर बनना चाहिए जो विश्व भर में अपनी अलौकिक हो। उन्होंने कहा कि जिस मंदिर के स्वरूप को दर्शा रहे हैं यह विश्व प्रसिद्ध ओंकारवाट मंदिर की प्रेरणा लेते हुए तैयार किया गया है । उन्होंने कहा कि वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों के साथ ही 21वी सदी के निर्माण मानकों के तहत यह मंदिर निर्मित होगा । जिसे एक साथ लाखों की संख्या में पहुंचने वाले दर्शनार्थियों को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया गया है । उन्होंने कहा कि रामालय न्यास ने सरकार को पत्र लिखकर मंदिर बनवाने के लिए जिम्मेदारी देने की मांग की है । धर्म संसद दर्शाए गये स्वरूप के अनुसार ही अयोध्या में राम मंदिर बनाने की इच्छा भी जाहिर की है।

विश्व में सबसे ऊँचे शिखर वाला मंदिर

राम मंदिर 1008 फिट का होगा, विश्व का सबसे ऊंचा शिखर वाला यह मंदिर होगा । जिसकी नीव 70 फिट होगी ,मंदिर की नीव का एरिया साढ़े तीन सौ एकड़ का होगा । गर्भगृह 216 वर्ग फुट का होगा । कुल एक लाख आठ हजार लोगों के लिए परिसर में व्यवस्था होगी । हर दिन एक लाख आठ हजार लोगों के लिए भोजन प्रसाद का वितरण व्यवस्था किया जाएगा । मंदिर बनाने के लिए सोना जातने के लिए देश केहर प्रदेश से निकलेगा राम मंदिर रथ निकाला जायगा जिनमे अण्डमान निकोबार ,अरुणाचल प्रदेश ,असम,आन्ध्र प्रदेश उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड ओडिशा कर्णाटक केरल गुजरात गोआ चण्डीगढ छत्तीसगढ़ ,जम्मू कश्मीर ,झारखण्ड ,तमिलनाडु ,तेलंगाना ,दमन और दीव ,दादरा और नगर हवेली ,नागालैण्ड ,पंजाब ,पश्चिम बंगाल ,पड्डुचेरी, बिहार,मणिपुर, मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र ,मिजोरम,मेघालय,राजस्थान,दिल्ली ,लद्दाख ,लक्षद्वीप,सिक्किम ,हरियाणा ,हिमाचल प्रदेश ,त्रिपुरा का चयन किया गया है।

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