परांडे ने जनजातीय समुदाय के बीच हिंदुत्व के प्रचार प्रसार में जुटे पूज्य स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि देते हुए उनके हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने ने कहा कि वर्ष 2008 में 23 अगस्त को लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या कर दी गई थी। किंतु उनके हत्यारों की अभी तक पहचान नहीं हुई है। इस मामले में जो जांच आयोग बनाए गए, उनकी रिपोर्ट भी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
मिलिंद परांडे ने कहा कि 09 अगस्त को मूल निवासी दिवस मनाने का भारत में कोई औचित्य नहीं है। भारत का जनजातीय समाज देश, धर्म, संस्कृति की रक्षा का व्रत लिए सदा शेष हिंदू समाज के साथ मिलकर प्रयास करता रहा है। उन्होंने अपील की भारतीयों को 15 नवंबर का दिन जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना चाहिए। इस दिन भगवान बिरसा मुंडा की जयंती होती है।
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