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इसके अलावा प्रयाग स्टेशन पर एक नया प्लेटफार्म बनाया जा रहा है और स्टेशनों पर सफाई और रखरखाव के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सभी निर्माण कार्य अक्तूबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा ताकि महाकुंभ के समय स्टेशनों पर भीड़ का बेहतर प्रबंधन हो सके।992 मेला स्पेशल ट्रेनें
महाकुंभ 2025 के लिए रेलवे प्रशासन ने 992 मेला स्पेशल ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है, जो 2019 के आयोजन के दौरान चलाई गई 572 स्पेशल ट्रेनों से लगभग दोगुनी हैं। मौनी अमावस्या के मौके पर विशेष रूप से 300 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के तहत दिल्ली, कानपुर, मुंबई, झांसी, वाराणसी और गोरखपुर मार्ग से प्रमुख स्टेशनों तक ट्रेनों का संचालन होगा।पैदल मार्ग और आपातकालीन व्यवस्थाएं
महाकुंभ के दौरान रेलवे स्टेशन से मेला क्षेत्र तक श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए रेलवे प्रशासन ने एकल मार्ग (वन-वे) की विशेष योजना तैयार की है। इससे रेलवे स्टेशन से मेला क्षेत्र तक पैदल जाने में आसानी होगी और भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि श्रद्धालु बिना किसी बाधा के मेला क्षेत्र में पहुंच सकें और अव्यवस्था से बचा जा सके। यह भी पढ़ें
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आपातकालीन योजनाएं और होल्डिंग एरिया
भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए रेलवे प्रशासन ने 6 आपातकालीन योजनाएं तैयार की हैं। इन योजनाओं के तहत, 90 होल्डिंग एरिया चिन्हित किए गए हैं, जहां अधिक भीड़ होने पर श्रद्धालुओं को नियंत्रित किया जा सकेगा। यह कदम स्टेशनों पर दबाव कम करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।निगरानी और नियंत्रण की व्यवस्था
महाकुंभ की तैयारियों के तहत प्रयागराज जंक्शन पर एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा रहा है, जो मेला क्षेत्र और रेलवे स्टेशनों की गतिविधियों की निगरानी करेगा। यह नियंत्रण कक्ष समन्वय का कार्य करेगा और आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, स्टेशन पर आने-जाने वाली ट्रेनों की समय-सारणी और सुरक्षा व्यवस्थाओं की भी निगरानी की जाएगी। यह भी पढ़ें