कब हुआ था हादसा?
कुंभ मेले की यह त्रासदी 3 फरवरी 1954 को इलाहाबाद में हुई थी। मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर पवित्र स्नान करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े थे। यहां श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई, जिसकी वजह से लोग नदी में डूबकर या तो कुचलकर मर गए। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस भगदड़ घटना में 350 लोगों की मौत हुई। वहीं, The Guardian की रिपोर्ट के मुताबिक, 800 लोगों की मौत हुई थी और करीब 100 लोग घायल हुए थे। अब आप ये सोच रहे होंगे कि मेले में अचानक ऐसा क्या हुआ था कि श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। आइए जानते हैं…
कैसे हुआ था हादसा?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू संगम क्षेत्र में आए थे। उसी दिन संगम क्षेत्र में एक हाथी के नियंत्रण से बाहर होने के कारण हादसा हुआ था। तभी से कुंभ में हाथी के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। सिर्फ इतना ही नहीं, देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ही कुम्भ के प्रमुख स्नान पर्वों पर वीआईपी के जाने पर रोक लगाने का आदेश दिया था। इसी वजह से आज भी कुम्भ, महाकुम्भ, अर्द्धकुम्भ के बड़े स्नान पर्वों के दिन वीआईपी के जाने पर रोक है। यह भी पढ़ें