दरअसल लखनऊ के कृष्णानगर इलाके के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को 26 दिसंबर की शाम को गोमती नगर में उनके ऑफिस से अगवा कर लिया गया । फिर उन्हें देवरिया जिला जेल ले जाया गया जहां पिछले दो सालों से अतीक अहमद बंद है। सूत्रों की मानें तो इस काम में अतीक अहमद के बेहद करीबी गुर्गे गुलफान, फारूक, गुलाम उर्फ़ इमरान ने लखनऊ से कारोबारी को अगवा किया। लेकिन जिस खबर ने हड़कम्प मचाया है वह है की पहली बार अतीक और अशरफ के अलावा उनके कुनबे से उनके बड़े बेटे मो उमर का नाम सामने आया है।
बता दे कि मोहम्मद उमर बीते लोकसभा चुनाव में पहली बार आम लोगों के बीच पहुंचे। समाजवादी पार्टी से अलग हुए अपने पिता अतीक अहमद के समर्थन में प्रचार किया। इस दौरान उमर एक साफ.सुथरी छवि के साथ सामने आए और अपने पिता के लिए समर्थन मांगा । जरायम की दुनिया से अलग सियासी पारी में मोहम्मद उमर अतीक अहमद के सियासी बारिश भी माने जाते हैं। उमर अभी एलएलबी के छात्र है।जब से अतीक अहमद जेल में और अशरफ फरार है तब से परिवार के जिम्मेदार सदस्य की तरह उमर सामने थे।
बीती रात मोहम्मद उमर की तलाश में उनके चकिया स्थित आवास और कार्यालय पर प्रयागराज पुलिस और लखनऊ पुलिस ने दबिश दी । हालांकि वहां पर किसी की बरामदगी नही हुई। लखनऊ के कृष्णानगर में दर्ज हुए मामले में अतीक अहमद उनके बेटे मो उमर, जकी अहमद ,जफर, फारुख, गुलाम ,सरवर और 12 अज्ञात के खिलाफ डकैती रंगदारी बलवा बंधक बनाना हमला करना और साजिश रचने की एफआईआर कराई है।