हिंदू से ईसाई बनाने के आरोप में दर्ज हुआ था मुकदमा
महाराजगंज के थाना निचलौल में श्रीनिवास राव नायक पर अनुसूचित जाति के लोगों को बहला-फुसला कर हिंदू से ईसाई बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप था कि उसने लोगों से कहा था कि ईसाई धर्म अपनाने से लोगों के सभी दुख-दर्द दूर हो जाएंगे और वे जीवन में प्रगति करेंगे। सह-अभियुक्त विश्वनाथ ने अपने घर पर 15 फरवरी 2024 को एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों को बुलाया गया था। यह भी पढ़ें
राहुल गांधी ने शहीद अंशुमान सिंह के परिजनों से की मुलाकात, बोले- मैंने भी दादी और पिता को खोया
याची का कहना- धर्मांतरण के मामले में झूठा फंसाया गया
ग्रामीणों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता ने मुकदमा दर्ज कराया था। याची का कहना था कि कथित धर्मांतरण से कोई संबंध नहीं है। वह आंध्र प्रदेश का निवासी है। उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। अपर शासकीय अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि याची आंध्र प्रदेश का निवासी है और महाराजगंज में धर्मांतरण कार्यक्रम में आया था। वह धर्मांतरण में सक्रिय रूप से भाग ले रहा था, जो कानून के खिलाफ है। कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता को धर्म परिवर्तन करने के लिए राजी किया गया था, जो जमानत देने से इनकार करने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त है। ऐसा कोई कारण नहीं है कि शिकायतकर्ता ने आंध्र प्रदेश निवासी याची को गैरकानूनी धर्म परिवर्तन के मामले में झूठा फंसाया। दोनों के बीच कोई दुश्मनी भी नहीं थी। कोर्ट ने जमानत खारिज कर दी।