जस्टिस सिद्धार्थ और जस्टिस सैयद कमर हसन रिजवी ने केंद्र सरकार से अनुरोध करते हुए टिप्पणी की कि वह निर्दोष व्यक्तियों के खिलाफ गलत तरीके से मुकदमा चलाने पर मुआवजा देने के लिए कानून बनाने के विधि आयोग के सुझाव को अपनाए। गौरतलब है कि विधि आयोग की 277वीं रिपोर्ट (जिसमें गलत अभियोजन से निपटने के लिए कानून बनाने की बात कही गई थी) को सरकार द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए था लेकिन अभी तक यह मामला अटका हुआ है।
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