भाजपा सियासी फायदा लेना चाहती है पत्रिका से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस बार जनता राम मंदिर निर्माण एजेंडे के बहकावे में नहीं आएंगी। राम मंदिर एक मुद्दा है, जिस पर चुनाव लड़ने का फिर से प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान से भाजपा सियासी फायदा लेना चाहती हैं।
राम मंदिर निर्माण की बात कहना सुप्रीम कोर्ट को चुनौती देना राम मंदिर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के धैर्य रखने के बयान पर जफरयाब जिलानी ने कहा कि हम संवैधानिक प्रक्रिया अपना रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि राम विलास वेदांती का बयान है कि 2019 से पहले राम मंदिर का निर्माण कर लेंगे, उन्होंने कहा कि यह चैलेंज सुप्रीम कोर्ट को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर ईंट- पत्थर रखकर मंदिर की नींव रखी जाएगी तो हमें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ेगा। फिर सुप्रीम कोर्ट में तथ्य भी दिखाएंगें।
राम मंदिर की बात भाजपा की मजबूरी उन्होंने कहा कि यह सब बयानबाजी 2019 के चुनाव तक भाजपा देती रहेगी और यह उनकी मजबूरी भी है, क्योंकि चार साल के शासन में उन्होंने कुछ नहीं किया। केंद्र और राज्य में दोनों जगह सरकार है, लेकिन जनता से किया वादा पूरा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इस इलेक्शन से पहले एक प्रतिशत भी चांस नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर निर्माण का फैसला आ जाए।
दलित और पिछड़ा समाज भाजपा से नाराज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में दलितों और पिछड़ों को आरक्षण के सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जानबूझकर दलितों की गुडविल लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान में जो चीज दर्ज है, उसको बदलने का काम नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दलित और पिछड़ा सरकार से बहुत नाराज है। दलितों पर बहुत जुल्म हुए हैं जिसके चलते अब वह भाजपा के साथ नहीं जाएगा।
यूपी के गठबंधन में दम रहेगा उन्होंने अपने ख्यालात का इजहार किया कि इस बार सेकुलर पार्टी यह घोषित कर दे कि इस साल देश का प्रधानमंत्री कोई दलित होगा और डिप्टी प्राइम मिनिस्टर किसी ओबीसी को बनाएं। उन्होंने कहा कि यूपी के गठबंधन में दम रहेगा। बीएसपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों की शेयरिंग में थोड़ा समय लगेगा। कांग्रेस साथ में आएगी या नहीं आएगी, अभी यह कहना मुश्किल है।