उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं रात में ही फैकल्टी ऑफ लॉ में पहुंच गया था। वहां छात्रों ने ऐसी कोई बात मेरे सामने नहीं रखी। कुछ बच्चों ने प्रॉक्टर ऑफिस में आकर यह बात रखी।
छात्रों को स्टार्टर में पहचानने में आ रही थी समस्या
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर वसीम अली ने कहा कि वेज और नॉनवेज दोनों खाने की अलग- अलग मेजें लगाई गई थीं। किंतु जो स्टार्टर सर्व किया गया, उस पर बच्चे कह रहे थे कि शायद कुछ चीजें मिली हुई लग रही थीं। वह कंफर्म नहीं थे। इस पर बच्चों ने मेरे पास आकर कहा था कि आगे जब कोई इस तरह का फंक्शन हो, तो इस बार जैसे खाने की मेज अलग- अलग कर दी गई थीं, वैसे ही अगली बार स्टार्टर की भी मेज अलग- अलग रखवा दी जाएं। उन्होंने कहा, “वह कोई शिकायत लेकर नहीं आए थे। वह चाहते थे कि जैसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच भाईचारा बना हुआ है, वैसे ही दावतों में भी हमारे बीच भाईचारा बना रहे। कोई बाहरी हमारे बीच अनबन न करा सके। उन्होंने यह सावधानी रखने के लिए कहा था।”
अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में फैकल्टी ऑफ लॉ की थी फ्रेशर पार्टी
प्रॉक्टर वसीम अली ने कहा कि छात्रों ने एहतियातन विश्वविद्यालय प्रशासन को सलाह दी कि भविष्य में जब भी ऐसे फंक्शन हों तो इस बात का ध्यान रखा जाना जाहिए। यह फैकल्टी ऑफ लॉ में फ्रेशर पार्टी थी। इसमें द्वितीय वर्ष के छात्र प्रथम वर्ष के छात्रों को फ्रेशर पार्टी देते हैं। इस मामले में कोई विवाद नहीं हुआ है। छात्रों को स्टार्टर में यह पहचानने में समस्या आ रही थी कि कौन सी चीज शाकाहारी है और कौन सी मांसाहारी। इसको देखते हुए हम अपने डिपार्टमेंट के डीन और चेयरमैन से निवेदन करेंगे कि जब भी ऐसी किसी पार्टी का आयोजन हो, तो इन चीजों का ध्यान रखा जाए। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अपने हिंदू- मुस्लिम भाईचारे के लिए जाना जाता है। हम सभी लोग एक साथ रहते हैं, एक साथ खाते हैं, एक साथ जीते हैं। बाहर के किसी आदमी को हम यह मौका नहीं देंगे कि वह इसका फायदा उठाए।
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