दरअसल, लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद उम्मीदवारों के शपथ पत्रों की जांच हमेशा आयकर विभाग ही करता है। हालांकि पहले सिर्फ विजेता और उपविजेता के शपथ पत्रों की जांच होती थी। इसमें शपथ पत्र में दिए गए चल-अचल संपत्ति का ब्योरे का मिलान किया जाता है। इस बार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एसओपी में एक मामूली बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद लोकसभा 2024 में नामांकन दाखिल करने वाले सभी उम्मीदवार जांच की जद में आ गए हैं। अब उन उम्मीदवारों के भी शपथ पत्रों की भी जांच होगी, जिन्होंने नामांकन तो किया, लेकिन चुनाव नहीं लड़ा।
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अलीगढ़ में भाजपा, सपा और बसपा समेत 14 उम्मीदवारों ने लड़ा था चुनाव
अलीगढ़ में भाजपा, सपा, बसपा समेत 14 उम्मीदवारों ने लोकसभा चुनाव लड़ा था। जिसमें भाजपा से सांसद सतीश गौतम को चुनाव में जीत मिली। जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार चौधरी बिजेंद्र सिंह उप विजेता घोषित हुए हैं। वहीं हाथरस में 28 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था। जिसमें नौ उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। हाथरस में भी भाजपा के अनूप प्रधान सांसद निर्वाचित हुए। इसी तरह कन्नौज से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, मैनपुरी से डिंपल यादव, एटा से देवेश शाक्य और फर्रूखाबाद से मुकेश राजपूत सांसद निर्वाचित हुए हैं। अब इनकम टैक्स विभाग ने लोकसभा चुनाव 2024 में निर्वाचित सांसदों समेत नामांकन करने वाले सभी उम्मीदवारों के शपथ पत्र डाउनलोड करना शुरू कर दिया है। इनकी जांच के लिए पांच से छह इंस्पेक्टर लगाए गए हैं। इन सभी शपथ पत्रों की जांच अगस्त में पूरी करनी है। इसके बाद रिपोर्ट आगरा भेजनी होगी। आगरा से इसकी रिपोर्ट सीबीडीटी को भेजी जाएगी।
इनकम टैक्स विभाग की जांच में क्या होगा?
अलीगढ़ आयकर विभाग के उप निदेशक अन्वेषण एके सिंह ने बताया “इन्वेस्टीगेशन विंग लोकसभा चुनाव में आय को लेकर दाखिल किए गए शपथ पत्र और पूर्व में दाखिल रिटर्न का मिलान करेगी। रिटर्न और शपथ पत्र में दिए गए चल अचल संपत्ति के ब्योरे की जांच की जाएगी। अगर किसी प्रत्याशी की घोषित संपत्ति से अधिक आय मिलती है तो इसमें जांच अधिकारी संबंधित उम्मीदवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगेगें। जिन्होंने साल 2019 और 2024 में लगातार चुनाव लड़ा है। उनके पिछले चुनाव के भी शपथ पत्र भी जांच की जद में आएंगे।” यह भी पढ़ें