यह भी पढ़ें
खुशखबरी: 1 दिन से लेकर 1 साल तक के बच्चों के कानों की फ्री में होगी जांच
जानकारी के अनुसार अलीगढ़ के थाना सासनी गेट इलाके के आगरा रोड स्थित मंदिर नगला में रहने वाली 40 वर्षीय गुड्डी के पांच छोटे-छोटे बच्चे हैं। बच्चों में बड़ा बेटा अजय (20), विजय (15), बेटी अनुराधा (13), टीटू (10) सबसे छोटा बेटा सुंदरम (5) है। बताया गया है कि उसके पति का देहांत 2020 में लॉकडाउन से 2 दिन बाद ही गंभीर बीमारी के चलते हो गया। इसके बाद परिवार का पेट पालने के लिए गुड्डी ने एक फैक्टरी में काम शुरू किया। जहां उसे महीने के 4 हजार रुपये मिलते थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण वह फैक्टरी कुछ समय बाद ही घाटे के कारण बंद हो गई और वह बेरोजगार हो गई। इसके बाद कहीं काम न मिलने पर घर का राशन भी कुछ समय में खत्म हो गया और गुड्डी व उसका परिवार लोगों द्वारा दिए जाने वाले खाने के पैकेट पर निर्भर हो गया। कुछ समय बाद उसके बड़े बेटे अजय ने पिछला लॉकडाउन खुलने के बाद मजदूरी शुरू की। जिसके सहारे घर का राशन पानी आने लगा। लेकिन वह छह सदस्यों के लिए काफी न था। यही कारण रहा कि पेटभर खाना न मिलने के चलते 13 वर्ष की बेटी अनुराधा की तबीयत खराब होने लगी। फिर धीरे-धीरे पूरा परिवार ही बीमारी की चपेट में आना शुरू हो गया। वहीं इस बीच कोरोना की दूसरी लहर के चलते फिर से प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लग गया। जिसके बाद अजय की मजदूरी भी बंद हो गई। गुड्डी व अजय ने बताया कि पिछले करीब 2 महीने से उनके परिवार को भरपेट खाना तक नसीब नहीं हो सका है। जिसके चलते सभी बीमार पड़ गए। वहीं बीमारी के कारण सबने खुद को घर में ही कैद कर लिया। इस बीच आस पड़ोस से अगर कोई कुछ खाने को दे देता तो उसी में सब गुजारा कर लेते और कई बार तो सिर्फ पानी पीकर ही काम चलाते। नौबत यहां तक आ गई कि इन्होंने पिछले 10 दिनों से रोटी नहीं खाई है। जब इसकी जानकारी उनके रिश्तेदारों को हुई तो उन्होंने पूरे परिवार को मलखान सिंह जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
यह भी पढ़ें: आरोपी प्रवेश की मौसी का दावा, मौलवी के ताबीज से गिरा 6 माह का गर्भ, लेकिन मारपीट व दाढ़ी काटने की बात गलत मलखान सिंह जिला अस्पताल के इमरजेंसी इंचार्ज डॉ. अमित ने जानकारी देते हुए बताया कि काफी वक्त से भूखी एक महिला व उसके 5 बच्चों को वार्ड नंबर आठ में भर्ती कराया गया था। मेरे द्वारा उनका हाल चाल पूछा गया और सभी का ट्रीटमेंट शुरू किया गया। परिवार से कहा गया है कि अगर उन्हें किसी भी तरह की मदद चाहिए तो वह उनसे संपर्क कर सकते हैं। अभी परिवार के सभी सदस्यों की हालत ठीक नहीं है। अनुराधा समेत 3 बच्चों की हालत गंभीर स्थिति में है। हालांकि इलाज कर उन्हें जल्द रिकवर कर लिया जाएगा।