यह भी पढ़ें- कोरोना का कहर: मृत्यु दर के मामले में 9वें स्थान पर पहुंचा नोएडा, एक दिन में इतने लोगों की मौत दरअसल, एएमयू में कोरोना वायरस के संक्रमण से 20 अप्रैल को डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर जमशेद अली के रूप में पहली मौत हुई थी। उसके बाद से अब तक 17 वर्किंग प्रोफेसर काल के गाल में समा चुके हैं। बता दें कि कोरोना से जान गंवाने वाले सभी प्रोफेसर अलीगढ़ शहर में ही विभिन्न स्थानों पर रहते थे। प्रोफेसर समदानी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारी कमेटी के सदस्य भी थे। बताया जा रहा है कि 10 दिन पहले कोरोना संक्रमण के चलते समदानी को एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 वार्ड में भर्ती कराया गया था। समदानी डायबिटीज और हाइपरटेंशन से भी पीड़ित थे। अचानक डायबिटीज बढ़ने से उनकी आज मौत हो गई।
बता दें कि लॉ फैकल्टी के डीन प्रोफेसर शकील समदानी कई सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए थे। समाज सेवा के कारण ही उनकी विश्वविद्यालय में एक अलग छवि थी। उनके निधन से एएमयू की फैकल्टी और स्टूडेंट्स में शोक की लहर दौड़ गई है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि अब तक एएमयू 10 रिटायर्ड फैकल्टी की भी मौत हो चुकी है। चार की कानपुर में मौत हुई है। इस संबंध में प्रोफेसर आफताब आलम का कहना है कि एएमयू के लिए यह बहुत ही खराब दौर है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ जब एएमयू से जुड़े इतने लोगों की अचानक मौत हुई हो।