अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय सचिव एवं महामंडलेश्वर डॉक्टर अन्नपूर्णा भारती ने कहा कि नवरात्र पर हम शक्ति की आराधना करते हैं। यह शक्ति की आराधना का पर्व है। भारत की परंपरा में हर कोई शक्ति का उपासक होता है।शक्ति को धारण करने की शक्ति भी होनी चाहिए और यह शक्ति यदि अनुशासित हो तो और भी बेहतर है। भारत की शक्ति हमेशा विश्व कल्याणकारी रही है। हमारी शक्ति में विश्व कल्याण ही होता है। हमारा प्रयास विश्व शांति, विश्व कल्याण का ही है। भारत ने हर संप्रदाय को शरण दिया है। हर संप्रदाय की रक्षा की है किंतु कुछ लोग संघर्ष का बीज बोने लगते हैं, जबकि भारत ने हमेशा जोड़ने का काम किया है।
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यूपी बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास पर भर्ती को लेकर प्रदर्शन शुरू, रावण दहन से पहले तेज़ हुई.. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शक्ति यदि विवेक से युक्त हो और गलत लोगों के हाथ शक्ति न जाए तो यह हमेशा विश्व कल्याणकारी होता है। गलत हाथों में शक्ति चले जाने से हमेशा अनर्थ होता है। शक्ति का प्रयोग सही जगह पर हो। कभी भी शक्ति का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। भारत की पहचान भी अहिंसा परमो धर्मह से है। इसलिए हमें अनुशासित होकर शक्ति की आराधना करनी चाहिए। महामंडलेश्वर डॉ अन्नपूर्णा भारती महाराज के वक्तव्य सुन युवा भाव विभोर हो गए।
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यूपी कांग्रेस के नए अध्यक्ष बृजलाल खाबरी, नकुल दुबे, नासिमुद्दीन सिद्दीकी समेत 6 प्रांतीय अध्यक्ष घोषित उन्होंने एक वीडियो दिखाते हुए कहा कि आज सनातन धर्म के युवा भगवान का चित्रण करने वाले पात्रों को हुक्का पीते हुए मजाकिया तौर पर शेयर कर रहे हैं। यह निश्चित रूप से सनातन के बिगड़ते हुए स्वरूप का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इसके लिए ।जिम्मेदार बॉलीवुड है बॉलीवुड एवं सोशल मीडिया में सनातन मूल्यों को समाप्त करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। विजयदशमी के अवसर पर सभी सनातनी युवा शस्त्र पूजन करें एवं धर्म की रक्षा हेतु सनातन के मूल्यों को बचाने हेतु शास्त्र सम्मत शस्त्र का उपयोग करने में भी पीछे ना हट है *अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च* अहिंसा मनुष्य का परम धर्म है परन्तु धर्म की रक्षा हेतु हिंसा करना उससे भी बड़ा धर्म है ।यही भावना यही संकल्प सभी सनातनी युवाओं का विजयदशमी के पावन पर्व पर होना चाहिए।