अलीगढ़

17 पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द मिल सकती है भारतीय नागरिकता, इस वजह से आना पड़ा हिंदुस्तान

2005 में पाकिस्तान के बलूचिस्तान में नवाब की हत्या के बाद फैली अराजकता के बाद जान बचाकर भारत आए कुछ परिवारों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है। वहीं अलीगढ़ में रह रहे 17 पाकिस्तानी नागरिकों को भी जल्द ही भारतीय नागरिकता मिलने के आसार हैं।

अलीगढ़Apr 18, 2022 / 01:03 pm

lokesh verma

17 पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द मिल सकती है भारतीय नागरिकता, इस वजह से आना पड़ा हिंदुस्तान।

अलीगढ़ में पिछले कई वर्षों से रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द ही भारतीय नागरिकता मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि अभी तक 17 पाकिस्तानी यहां बिना नागरिकता के ही निवास कर रहे थे, लेकिन अब उनका इंतजार जल्द ही खत्म हो सकता है। केंद्र और प्रदेश सरकार ने बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रहने वाले लोगों की नागरिकता के आवेदनों के जल्द निस्तारण के निर्देश दिए हैं। जबकि महानगर में रहने वाले हिंदू परिवार के लोगों में से तीन को भारतीय नागरिकता पहले ही मिल चुकी है। जबकि पाकिस्तानी चार मुस्लिम परिवार अभी भी हिंदुस्तानी नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान इलाके में 1953 में जन्मे रमेश लाल का 1972 में सिंध इलाके की रहने वाली लाजवंती के साथ विवाह हुआ था। रमेश लाल वहां पर किराने की दुकान चलाते थे। उस समय बलूचिस्तान में अराजकता का माहौल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ था। 2005 में वहां के नवाब की हत्या के बाद अराजकता के डर से रमेश लाल के बड़े भाई बच्चा राम के साथ अलीगढ़ आ गए और यहीं किराने का काम करने लगे। रमेश लाल हाथरस अड्डे के पास सासनी गेट जैन मंदिर के पास एक जनरल स्टोर की दुकान चलाते हैं और थाना बन्नादेवी क्षेत्र की नई बस्ती इलाके में परिवार के साथ रहते हैं।
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इन्हें मिली नागरिकता

रमेश लाल बताते हैं कि पाकिस्तानी नागरिक होने के नाते वह और उनका परिवार हिंदुस्तान के अलीगढ़ में एलटीवी लॉन्ग टर्म वीजा के जरिए रह रहे हैं। रमेश लाल बताते हैं कि उन्होंने अपनी, पत्नी, पुत्र और बेटी की नागरिकता के लिए 2015 में आवेदन किया था। अभी तक रमेश लाल, लाजवंती और बेटी पूजा को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है।
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इन्होंने भी कर रखा है आवेदन

रमेश लाल ने बताया कि उनका एक बेटा हरेश लाल वर्तमान में बलूचिस्तान में रह रहा है। जबकि दूसरा बेटा शंकरलाल और बहू मर्जीबाई 2013 में अलीगढ़ आ गए थे। उन्होंने भी नागरिकता के लिए आवेदन कर रखा है।

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