पाकिस्तान के बलूचिस्तान इलाके में 1953 में जन्मे रमेश लाल का 1972 में सिंध इलाके की रहने वाली लाजवंती के साथ विवाह हुआ था। रमेश लाल वहां पर किराने की दुकान चलाते थे। उस समय बलूचिस्तान में अराजकता का माहौल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ था। 2005 में वहां के नवाब की हत्या के बाद अराजकता के डर से रमेश लाल के बड़े भाई बच्चा राम के साथ अलीगढ़ आ गए और यहीं किराने का काम करने लगे। रमेश लाल हाथरस अड्डे के पास सासनी गेट जैन मंदिर के पास एक जनरल स्टोर की दुकान चलाते हैं और थाना बन्नादेवी क्षेत्र की नई बस्ती इलाके में परिवार के साथ रहते हैं।
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आशीष मिश्रा की रद्द हुई जमानत, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोल गए राकेश टिकैत इन्हें मिली नागरिकता रमेश लाल बताते हैं कि पाकिस्तानी नागरिक होने के नाते वह और उनका परिवार हिंदुस्तान के अलीगढ़ में एलटीवी लॉन्ग टर्म वीजा के जरिए रह रहे हैं। रमेश लाल बताते हैं कि उन्होंने अपनी, पत्नी, पुत्र और बेटी की नागरिकता के लिए 2015 में आवेदन किया था। अभी तक रमेश लाल, लाजवंती और बेटी पूजा को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है।
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ताजमहल का टिकट देश में सबसे महंगा, सलाना कमाई सुन दंग रह जाएंगे इन्होंने भी कर रखा है आवेदन रमेश लाल ने बताया कि उनका एक बेटा हरेश लाल वर्तमान में बलूचिस्तान में रह रहा है। जबकि दूसरा बेटा शंकरलाल और बहू मर्जीबाई 2013 में अलीगढ़ आ गए थे। उन्होंने भी नागरिकता के लिए आवेदन कर रखा है।