.यूथ अड्डा…………‘तकनीकी व प्रबंधन संबंधी शिक्षण संस्थाओं की जरूरत’
किसी समय में अजमेर शिक्षा का हब होता था। यहां नामी शिक्षण संस्थाओं में राजनेता व फिल्मी हस्तियों के बच्चे पढ़ने आते थे। क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान नई दिल्ली में शिक्षक प्रशिक्षण सहित अंग्रेजी माध्यम के बच्चों के लिए बने स्कूल का छात्रावास आदि की व्यवस्थाएं हैं। अजमेर में शिक्षण संस्थान तो बने लेकिन तकनीकी व प्रबंधकीय दृष्टिकोण के नामी संस्थान नहीं होने से युवाओं काे उच्च शिक्षण के लिए बाहर जाना पड़ता है। यदि अपने ही शहर में रहते हुए व उच्च शिक्षण प्राप्त कर लें तो उसे डिग्री पूर्ण होने पर बाहर तत्काल रोजगार मुहैया हो सकेगा। अजमेर में अभी इसकी कमी नजर आती है। राजस्थान पत्रिका ने गुरुवार को गोल प्याऊ पर युवाओं से मौजूदा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में युवाओं को उच्च शिक्षण व रोजगार के लिए क्या अपेक्षाओं पर चर्चा की। युवाओं का कहना रहा कि सबसे पहले महंगाई में कमी होनी चाहिए। अभिभावक बच्चों को उच्च शिक्षण दिलाने के लिए बाहर भेजते हैं तो उनका अतिरिक्त खर्च होता है। ऐसे में महंगाई व अपने जीवन यापन के साथ वह बच्चों की महंगी फीस नहीं दे पाते। इसके साथ शिक्षा विभाग को उच्च शिक्षण संस्थान के लिए अजमेर के आस-पास वृहद स्तर पर जमीन आवंटन कर हब के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। औद्योगिक संस्थान भी बनने चाहिए जिससे युवा अपने शहर में ही रोजगार पा सकें। चिकित्सा सेवाएं भी पर्याप्त नहीं हैं। बड़ा अस्पताल होने के बावजूद इसमें और सुधार की आवश्यकता है। परिचर्चा में मनीष अजमेरा, करण कलवाणी, नवनीत परनामी, मयंक सोनी, विपिन लखोटिया आदि शामिल रहे।