बादल छाए रहने और हवा चलने से मौसम खुशनुमा रहा। लगातार तीसरे दिन कड़कती धूप और गर्मी से राहत मिली। वैशाली नगर, पंचशील, माकड़वाली रोड और अन्य इलाकों में मामूली बूंदें टपकी। शाम तक मौसम का मिजाज यूं ही बना रहा। न्यूनतम तापमान 27.3 डिग्री रहा।
सावन में हुई कम बरसात
साल 2021 में सावन माह में ज्यादा बरसात नहीं हुई। सावन की शुरुआत 24 जुलाई को हुई थी। 27 से 31 जुलाई तक कभी तेज तो कभी रिमझिम बरसात का दौर चला। इसके बाद 1 अगस्त को शहर में ताबड़तोड़ बरसात (125 मिलीमीटर) हुई। इसके अलावा पूरे सावन में सूरज की तपन हावी रही। 1 जून से 31 जुलाई तक सिर्फ 220 मिलीमीटर बरसात हुई। इसके बाद 21 अगस्त तक महज 130 मिलीमीटर पानी ही बरसा है। मौसम ने कुल 350.3 मिलीमीटर बरसात दर्ज की है।
साल 2021 में सावन माह में ज्यादा बरसात नहीं हुई। सावन की शुरुआत 24 जुलाई को हुई थी। 27 से 31 जुलाई तक कभी तेज तो कभी रिमझिम बरसात का दौर चला। इसके बाद 1 अगस्त को शहर में ताबड़तोड़ बरसात (125 मिलीमीटर) हुई। इसके अलावा पूरे सावन में सूरज की तपन हावी रही। 1 जून से 31 जुलाई तक सिर्फ 220 मिलीमीटर बरसात हुई। इसके बाद 21 अगस्त तक महज 130 मिलीमीटर पानी ही बरसा है। मौसम ने कुल 350.3 मिलीमीटर बरसात दर्ज की है।
बहनें बांधेंगी भाइयों की कलाई पर राखी अजमेर. शहर में रक्षाबंधन पर्व रविवार को मनाया जाएगा। बहिनें अपने भाइयों को तिलक कर, मिष्ठान खिलाकर कलाई पर राखी बांधेंगी। इस बार भद्रा नहीं होने से पूरे दिन रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा।
पारम्परिक मान्यतानुसार सावन शुक्ल पूर्णिमा पर रविवार को रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। इस बार भद्रा या अन्य कोई विधान नहीं होने से पूरे दिन शुभ मुर्हूत रहेगा। बहिनें अपने भाइयों के तिलक कर, मिष्ठान खिलाकर राखियां बांधेंगी। भाई अपनी बहिनों को उपहार, कपड़े और अन्य सामग्री भेंट देंगे। शहर में केंद्रीय कारावास में भी कैदियों के बहिनें राखियां बांधेंगी। इसके अलावा मंदिरों और अन्य कई स्थानों पर रक्षासूत्र बांधे जाएंगे।
पारम्परिक मान्यतानुसार सावन शुक्ल पूर्णिमा पर रविवार को रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। इस बार भद्रा या अन्य कोई विधान नहीं होने से पूरे दिन शुभ मुर्हूत रहेगा। बहिनें अपने भाइयों के तिलक कर, मिष्ठान खिलाकर राखियां बांधेंगी। भाई अपनी बहिनों को उपहार, कपड़े और अन्य सामग्री भेंट देंगे। शहर में केंद्रीय कारावास में भी कैदियों के बहिनें राखियां बांधेंगी। इसके अलावा मंदिरों और अन्य कई स्थानों पर रक्षासूत्र बांधे जाएंगे।