पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि जिले में लगातार वाहन चोरी की घटनाएं हो रही थी। पिछले तीन-चार माह से पुलिस भी गिरोह की तलाश में जुटी थी लेकिन चोरी के वाहन सड़क पर नहीं निकलने से यह रहस्य बना हुआ था। चोर गिरोह चोरी का वाहन चुराने के बाद उसका ईंजन व चैचिस बदलने के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार कर देते थे। इससे न वाहन पकड़ा जाता न गिरोह तक पुलिस पहुंच पाती थी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) सरितासिंह, सहायक पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल के नेतृत्व में अलवर गेट थाना पुलिस की टीम लगातार निगरानी कर रही थी। गुरुवार रात को सिपाही ब्रजलाल, पुखराज की सूचना पर नेहरू नगर ब्रिज के नीचे एक ही नम्बर की दो बाइक बेचने की फिराक में खड़े बड़लिया बावड़ी निवासी महावीरसिंह पुत्र लालसिंह रावत, गेगल गुड्डा बरड़ा की ढाणी निवासी कालू पुत्र दल्ला रावत व ज्ञान सिंह पुत्र सुखदेव रावत को पकड़ा। पूछताछ करने पर आरोपियों ने बाइक चोरी करना कबूला। उनकी निशानदेही पर चोरी की 22 मोटरसाइकिल, के साथ भारी संख्या में बाइक के पाट्र्स जब्त किए। पूछताछ में सामने आया कि गिरोह चोरी की बाइक के पाट्र्स बदलकर बेचने का काम करता है। पुलिस ने अलवर गेट थाना क्षेत्र से चोरी के मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कार्रवाई में थानाप्रभारी मुकेश चौधरी, सहायक उपनिरीक्षक दयानंद शर्मा, हैडकांस्टेबल बनवारीलाल, सिपाही पुखराज, ब्रजलाल, श्यामसिंह, सुधीर व जगदीप शामिल है।
तरीका वारदात
एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि महावीर सिंह रावत उर्फ माधो श्रीनगर रोड नेहरू नगर में कबाड़ी के गोदाम में कबाड़ी का काम करता है। महावीर व उसके साथी अजमेर शहर और आसपास से मोटरसाइकिल चुराकर ईंजन व चेचिस नम्बर बदलकर उसे कम दाम में बेच देते थे। चोरी की बाइक नहीं बिकने पर ईंजन व चेसिस को निकालकर दूसरी बाइक में बदल देते थे। बदलने के बाद उसका स्क्रेप कबाड़ी में बेच देते थे।
एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि महावीर सिंह रावत उर्फ माधो श्रीनगर रोड नेहरू नगर में कबाड़ी के गोदाम में कबाड़ी का काम करता है। महावीर व उसके साथी अजमेर शहर और आसपास से मोटरसाइकिल चुराकर ईंजन व चेचिस नम्बर बदलकर उसे कम दाम में बेच देते थे। चोरी की बाइक नहीं बिकने पर ईंजन व चेसिस को निकालकर दूसरी बाइक में बदल देते थे। बदलने के बाद उसका स्क्रेप कबाड़ी में बेच देते थे।
100 से ज्यादा वाहन काटे एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि गिरोह के गुर्गो से पड़ताल में सामने आया कि गैंग अब तक 100 से ज्यादा वाहन को काट कर उनके पाट्र्स बेच चुका है। वहीं 50 से ज्यादा बाकि के इंजन व चेचिस नम्बर बदल दिए। पुलिस आरोपियों से गहनता से पड़ताल में जुटी है।
गिरोह के गुर्गो की तलाश
पड़ताल में सामने आया कि महावीर और उसका एक अन्य साथी शहर और आसपास से वाहन चोरी की वारदाते अंजाम देते है। पुलिस महावीर के साथी की तलाश में जुटी है। वहीं कालू और ज्ञान सिंह चोरी के वाहनों के पाट्र्स खोलने और बदलने का काम करते है। इसके बाद सस्ते दामों में उन्हें बेचने का काम किया जाता है।
पड़ताल में सामने आया कि महावीर और उसका एक अन्य साथी शहर और आसपास से वाहन चोरी की वारदाते अंजाम देते है। पुलिस महावीर के साथी की तलाश में जुटी है। वहीं कालू और ज्ञान सिंह चोरी के वाहनों के पाट्र्स खोलने और बदलने का काम करते है। इसके बाद सस्ते दामों में उन्हें बेचने का काम किया जाता है।