महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के योग एवं मानविकी विभाग के शिक्षकों को हटाने पर राजभवन की रोक का मामला तूल पकड़ गया है। इस मामले में कुलपति ओम थानवी ने राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र को पत्र लिखा है। उन्होंने विवि के बॉम को सर्वोच्च बताते हुए राज्यपाल के स्थगन आदेशए को अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया है।
कुलपति थानवी ने पत्र में लिखा है, कि भाजपा कार्यकर्ता बीपी सारस्वत ने योग विभाग के शिक्षकों के मामले में विश्वविद्यालय को लिखने के बजाय राज्यपाल को पत्र भेजकर विद्या परिषद निर्णय को निरस्त करने को कहा। यह अनावश्यक रूप से राज्यपाल को भाजपा की राजनीति में घसीटने की कोशिश है। राजनीति की बातें करने वाले खुद राजनीति कर रहे हैं।
राज्यपाल को नहीं अधिकार
कुलपति ने लिखा कि राज्यपाल को भाजपा की राजनीति में घसीटने की कोशिश हो रही है। विद्यापरिषद के निर्णयों पर केवल प्रबंध बोर्ड पुनर्विचार कर सकता है। विश्वविद्यालय के एक्ट के तहत राज्यपाल को यह अधिकार प्राप्त नहीं है।
कुलपति ने लिखा कि राज्यपाल को भाजपा की राजनीति में घसीटने की कोशिश हो रही है। विद्यापरिषद के निर्णयों पर केवल प्रबंध बोर्ड पुनर्विचार कर सकता है। विश्वविद्यालय के एक्ट के तहत राज्यपाल को यह अधिकार प्राप्त नहीं है।
नहीं बंद कर रहे योग विभाग
कुलपति ने लिखा कि भारत ने दुनिया को हजारों साल योग से परिचय कराया है। दुर्भाग्य से कुछ लोग योग को एक पार्टी विशेष की देन मानते हैं। विश्वविद्यालय में योग विभाग को बंद करने कोई योजना या प्रस्ताव नहीं बनाया गया। प्रशासन योग का शिक्षण-प्रशिक्षण संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन वह अपने शिक्षकों, प्रशिक्षकों और साधनों के आधार पर इसका संचालन करेगा। चार साल पहले समाप्त हो चुके एमओयू के अंतर्गत आए प्रशिक्षकों के भरोसे विभाग नहीं चलाया जाएगा।
कुलपति ने लिखा कि भारत ने दुनिया को हजारों साल योग से परिचय कराया है। दुर्भाग्य से कुछ लोग योग को एक पार्टी विशेष की देन मानते हैं। विश्वविद्यालय में योग विभाग को बंद करने कोई योजना या प्रस्ताव नहीं बनाया गया। प्रशासन योग का शिक्षण-प्रशिक्षण संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन वह अपने शिक्षकों, प्रशिक्षकों और साधनों के आधार पर इसका संचालन करेगा। चार साल पहले समाप्त हो चुके एमओयू के अंतर्गत आए प्रशिक्षकों के भरोसे विभाग नहीं चलाया जाएगा।