इनकी हुई गिरफ्तारी
एसओजी अजमेर यूनिट ने गंगरार स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी के डिप्टी कन्ट्रोलर (एग्जाम) उत्तर प्रदेश अलीगढ़ निवासी सुशील शर्मा व स्टूडेंट सेक्शन ऑफिसर भीलवाड़ा निवासी राजेश सिंह राणावत को गिरफ्तार किया। एसओजी ने आरोपियों को 5 जून को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। जहां से राजेश सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में भेजते हुए सुशील शर्मा को 11 जून तक पुलिस रिमांड पर सौंपा। एसओजी की पड़ताल में सुशील शर्मा की आरपीएससी के पेपर लीक प्रकरण में भी लिप्तता सामने आई है।
दिल्ली से बनवाते थे 2 लाख में डिग्री
पड़ताल में दोनों महिला अभ्यर्थियों के भाइयों द्वारा राजेश सिंह के जरिए फर्जी डिग्री बनवाना सामने आया। मेवाड़ यूनिवर्सिटी का डीन कौशल चंद्रूल डिप्टी कन्ट्रोलर (एग्जाम) सुशील शर्मा के जरिए दिल्ली में फर्जी डिग्री बनवाता था। एसओजी सुशील से उसके दिल्ली के नेटवर्क के संबंध में पड़ताल में जुटी है।मामले में सबसे पहले महिला अभ्यर्थी सांचौर वाड़ा भाड़वी की कमला कुमारी और भूतेल देवड़ा निवासी ब्रह्मा कुमारी को गिरफ्तार किया गया था। दलपतसिंह व ब्रह्मा कुमारी के भाई डॉ. सुरेश विश्नोई गिरफ्तार किया। दलपत और डॉ. सुरेश विश्नोई ने गंगरार मेवाड़ यूनिवर्सिटी से 2-2 लाख में फर्जी डिग्री बनवाना कबूल किया था। एसओजी ने डीन कौशल चंद्रूल को गिरफ्तार कर मोबाइल, हार्ड डिस्क व अन्य दस्तावेज बरामद किए थे। फिलहाल मामले के 5 आरोपी जेल में हैं।
यों चला घटनाक्रम
-20 मार्च- अभ्यर्थी कमला व ब्रह्मा कुमारी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा, देर रात एसओजी ने गिरफ्तार किया।
-21 मार्च- कमला का शिक्षक भाई दलपतसिंह गिरफ्तार।
22 मार्च- जोधपुर एस.एन मेडिकल कॉलेज से ब्रह्मा कुमारी का भाई डॉ. सुरेश गिरफ्तार।
-13 अप्रेल- मेवाड़ यूनिवर्सिटी का डीन कौशल चंद्रूल गिरफ्तार।
यह है मामला
आयोग ने 20 मार्च को प्राध्यापक हिंदी( स्कूल शिक्षा) परीक्षा-2022 में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलवाया था। जिसमें कमला कुमारी व ब्रह्मा कुमारी की डिग्री फर्जी निकलने पर सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया। एसओजी की पड़ताल में महिला अभ्यर्थियों ने आवेदन पत्र में वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय से डिग्री लेना बताया था जबकि दस्तावेज जमा करवाते समय मेवाड़ यूनिवर्सिटी की डिग्री पेश की गई।