महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को दो सत्रों के दीक्षान्त समारोह एक साथ कराने पड़ सकते हैं। कुलपति के कामकाज पर रोक के चलते नवां दीक्षान्त समारोह नहीं हो पाया है। अब सालाना परीक्षाओं के चलते यह अगस्त या इसके बाद कराया जा सकता है।
विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष 1 अगस्त को दीक्षान्त समारोह कराता है। इसमें कुलाधिपति एवं राज्यपाल, उच्च शिक्षा मंत्री सहित अन्य अतिथि शामिल होते हैं। दीक्षान्त समारोह में शोधार्थियों को डिग्री और श्रेष्ठ विद्यार्थियों को पदक बांटे जाते हैं। नवां दीक्षान्त समारोह पिछले साल 1 अगस्त को होना था। इसमें सत्र 2017-18 के टॉपर्स को पदक, पीएचडी की डिग्रियां बांटनी थी। लेकिन पूर्व कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली के देहांत के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था।
अब दो सत्रों का समारोह साथ.. कुलपति प्रो. आर .पी. सिंह इस साल जनवरी में दीक्षान्त समारोह कराना चाहते थे। लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट से उनके कामकाज पर बीते वर्ष 11 अक्टूबर से रोक लगाई हुई है। ऐसे में नवां दीक्षान्त समारोह नहीं हो पाया है। अब विश्वविद्यालय को सत्र 2017-18 और 2018-19 का दीक्षान्त समारोह एक साथ कराना पड़ेगा। समारोह सालाना परीक्षाओं के खत्म होने और परिणाम निकलने के बाद ही संभव होगा। मालूम हो कि समारोह में छात्रों को परम्परानुसार सफेद कुर्ता-पायजामा और छात्राओं को लाल किनारे वाली सफेद साड़ी पहननी जरूरी होती है।
अब तक हुए दीक्षान्त समारोह और अतिथि
1997-98-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 1998-99-नानाजी देशमुख
2001-02-जस्टिस लक्ष्मणनन 2004-पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील (तब राज्यपाल) एवं मुरली मनोहर जोशी
2009-पूर्व विदेश मंत्री कर्ण सिंह एवं राज्पयाल एस. के. सिंह
1997-98-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 1998-99-नानाजी देशमुख
2001-02-जस्टिस लक्ष्मणनन 2004-पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील (तब राज्यपाल) एवं मुरली मनोहर जोशी
2009-पूर्व विदेश मंत्री कर्ण सिंह एवं राज्पयाल एस. के. सिंह
2015-राज्यपाल कल्याण सिंह
2016-राज्यपाल कल्याण सिंह 2017-राज्यपाल कल्याण सिंह
2016-राज्यपाल कल्याण सिंह 2017-राज्यपाल कल्याण सिंह