अजमेर

झील में सीधे ही जा रहा गंदे नालों का पानी एनजीटी के प्रावधानों का भी उल्लंघन

काम नहीं आ रही इंजीनियरों की इंजीनियरिंग

अजमेरJun 23, 2021 / 09:38 pm

bhupendra singh

anasagar lake

अजमेर.एतिहासिक आनासागर झील lakeमें नालों का गंदा पानी e water of the dirty drains जाने से रोकने के लिए नगर निगम के अभिंयताओं द्वारा अपनाई गई तकनीक कारगर साबित हो रही है। झील में 11 गंदे नालों का पानी सीधे ही जा रहा है, इससे झील का पानी दूषित हो रहा है। यह नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) NGT के प्रावधानों provisions का भी उल्लंघन है। नगर निगम nagar nigam ने करीब साढ़े तीन साल पूर्व चौरसियावास नाले का पानी सीवरेट ट्रीटमेंट प्लांट stp में डाइवर्ट करने के लिए गुलमर्ग होटल के सामने नाले में अमृत योजना के तहत डाइवर्जन ऑफ ड्राइवेदर फ्लो प्लांट बनाया गया था। इस पर 30 लाख रुपए खर्च हुए थे। इस प्लांट के जरिए नाले का पानी सीवर लाइन में डाला जाता है। इसके बाद यह 13 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के जरिए फिल्टर होकर पुन: झील में डाला जाता है,लेकिन यह प्लांट पिछले कई महीनों से बंद है। नाले का गंदा पानी सीधे ही झील में जा रहा है।
झील में नहीं बढ़ा ऑक्सीजन का स्तर

काजी के नाले के लिए 3.5 एमएलडी गंदा पानी झील में गिरता है। इसका बॉयोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी)135 है। जबकि एसटीपी से ट्रीट होने के बाद इसका बीओडी केवल 10 ही रह जाता है जो एनजीटी के प्रावधानों के भी अनुकूल है। लेकिन ऐसा नही हो रहा है।
एसटीपी पहुंचाता है नालों का 5 एलएलडी गंदा पानी

स्मार्ट सिटी के तहत बांडी नदी में भी ऐसा ही प्लांट ढाई साल पूर्व बनाया गया था लेकिन यह भी बंद पड़ा है। गंदा पानी सीधे ही आनासागर में डाला जा रहा है। इससे भी 3.5 एमएलडी पानी एसटीपी पहुंचता है। पिछले साल बरसात के बाद से ही यह प्लांट बंद पड़ा है गंदा पानी सीधे ही झील में जा रहा है। बांडी नदी व काजी के नाले में लगाए गए पानी के जरिए करीब 5 एमएलडी पानी एसटीपी पहुंचता है जहां इसे ट्रीट का पुन: आनासागर में डाला जाता है।
न नाले जुड़े ,न सीवर कनेक्शन ही हुए

इंजीनियरों की योजना थी हर घर को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा। घर की रसोई व शौचालय के गंदे पानी की निकासी को सीवर लाइन से जोड़ दिया जाए। इससे घरों का गंदा पानी नालियों के जरिए नाले में नहीं जाएगा और इस तरह यह झील तक भी नहीं पहुंचेगा। इसके अलावा नालों को भी सीवर लाइन से जोडऩे की योजना भी बनाई गई थी,लेकिन न तो शहर में लक्ष्य के अनुरूप 84 हजार के मुकबले के वल 42 हजार सीवर कनेक्शन ही अब तक किए जा सके शहर का बड़ा क्षेत्र अभी भी सीवर लाइन से वंचित है,कई जगह मिसिंग लिंक की समस्या है।
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