अजमेर. राजस्थान पथ परिवहन निगम rsrtc की बसों के जरिए यात्रा करने वाले यात्री passenger को अब घर बैठे ही पता चल जाएगा की बस में कितनी सीटें seats खाली हैं। वह अपने मोबाइल व लैपटाप से कही से भी बस टिकट बुक कर सकेगा। परिवहन निगम जल्द ही रेलवे की तरह ही टिकटिंग व्यवस्था को आसान परदर्शी एंव नवीन तकनीक यह सुविधा अपने यात्रियों को उपलब्ध करवाने जा रहा है। इसके लिए बस कंडक्टर की टिकट काटने की ईटीएम मशीन में एक चिप लगाई जाएगी। इससे रोडवेज प्रशासन तथा यात्री को यह पता चलेगा कि बस में कितनी यात्री बैठे हैं और कितनी सीटें खाली हैं। बस का किराया, दूरी व समय भी यात्री को पता चलेगा। रोडवेज अपने यात्रियों को रेलवे की तरह यह सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए एप लांच करने की तैयारी में है। इसके लिए रोडवेज मुख्यालय ने एक कम्पनी से करार किया है। प्रबन्ध निदेशक ने सभी आगार प्रबन्धकों को परिपत्र जारी कर कम्पनी द्वारा नवीन संचालित ईटीआईएम परियोजना के अन्तर्गत किए गए नवाचार के सम्बन्ध में आगार स्तर पर प्रशिक्षण करावे जाने के निर्देश दिए हैं।
यात्रा के दौरान ही कार्ड होंगे रिचार्ज यात्रा के दौरान यात्री का स्मार्ट कार्ड एक्सपायर होने,रिचार्ज खत्म होने पर परेशान नहीं होना पड़ेगा। यात्री परिचालक के जरिए अपना स्मार्ट कार्ड/ एमएसटी रिचार्ज करवा सकेगा। रोडवेज की इस सुविधा के जरिए यात्री अपनी स्मार्ट कार्ड,एमएसटी रिचार्ज करवा सकता है।
यात्रियों से लेना होगा फीडबैक ईटीआईएम मशीन के जरिए ही परिचालक को प्रत्येक शिड्यूल में ५-५ यात्रियों से फीडबैक लेना होगा। यह फीडबैक सीधे ही मुख्यालय को प्राप्त हो जाएगा। परिचालक प्रथम स्थान से बस चलने के बाद भी यात्रियों को सीट का अलॉटमेंट कर सकता है। इसकी सूचना सर्वर पर स्वत: ही अपडेट हो जाएगी। यात्रियों की फोटो भी खींची जा सकेगी।
भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम रोडवेज की इस व्यवस्था से परिचालकों के भ्रष्टाचार व मनमानी पर लगाम लगेगी। चिप लगने से ईटीएम मशीन ऑन लाइन हो जाएगी और यह पता चल सकेगा कि कितने टिकट काटे गए हैं और कितनी यात्री बस में यात्रा कर रहे हैं। वाहन राजस्व की ऑन लाइन मॉनिटरिंग हो सकेगी। इस व्यवस्था के लागू होने से बसें निर्धारित शिड्यूल में ही चलेंगी। इन्हें अतिरिक्त शिड्यूल में नही भेजा जा सकेगा। बस स्टैंड पर बस की बुकिंग के बाद डीएसए को ईटीआईएम में इंद्राज भौतिक रूप से करने के बजाय वाईफाई के माध्यम से ऑनलाइन ही किया जाएगा। भौतिक रूप से इंद्राज की व्यवस्था बंद होगी।