अजमेर

ऑपरेशन थिएटर की टेबल पर बच्चे की मौत, फिर भी सात घंटे तक उसे वेंटिलेटर पर भर्ती रखा

जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में ऑपरेशन के लिए भर्ती नौ माह के बच्चे की मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि बच्चे की मौत को घोषित करने की बजाय अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में उसे शिशु रोग विभाग के वेंटीलेटर पर भर्ती कर दिया और करीब 7 घंटे बाद मृत घोषित किया।

अजमेरApr 21, 2024 / 02:11 pm

Kamlesh Sharma

अजमेर। जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में ऑपरेशन के लिए भर्ती नौ माह के बच्चे की मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि बच्चे की मौत को घोषित करने की बजाय अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में उसे शिशु रोग विभाग के वेंटिलेटर पर भर्ती कर दिया और करीब 7 घंटे बाद मृत घोषित किया।
ओमनगर निवासी भागीरथ सिंह वर्मा ने बताया कि उनके नौ माह के पोते मयंक पुत्र नीरज सिंह को शुक्रवार रात्रि अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने उसकी आंख का ऑपरेशन होने की बात कही। सुबह बच्चे को ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया। उनका आरोप है कि बेहोशी के लिए दी गई अत्यधिक डोज से उसकी टेबल पर ही मौत हो गई, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें गुमराह करने के लिए बच्चे को शिशु रोग विभाग के आईसीयू में भर्ती कर वेंटीलेटर पर ले लिया, जबकि उसकी धड़कन नहीं आ रही थी।
इस संबंध में अधीक्षक डॉ. अरविन्द खरे को शिकायत की, लेकिन उन्होंने कहा कि बच्चे का हार्ट कहीं चल रहा है कहीं नहीं। इसलिए उसे वेंटिलेटर पर लिया गया है। नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश पोरवाल ने भी कहा कि बच्चे को होश नहीं आया है, लेकिन ठीक हो जाएगा। भागीरथ ने बताया कि कुछ रेजीडेंट व स्टूडेंट के अनुसार बच्चे की मौत ऑपरेशन थिएटर में ही हो गई। आईसीयू में भी बच्चे में कोई हलचल नजर नहीं आने पर परिजन ने चिकित्सकों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। शाम करीब 7 बच्चे बच्चे की मौत घोषित कर चिकित्सकों ने शव को मोर्चरी में रखवाया।

यह थी बच्चे को बीमारी

चिकित्सकों व बच्चे के दादा के अनुसार बच्चे के दायीं आंख में पानी आता था। चिकित्सक ने भी छोटा सा ऑपरेशन बताया कि नाक का पानी आंख में नहीं आए इसके लिए सलाई डालकर ऑपरेशन किया जाएगा।
ऑपरेशन से पहले बच्चे को जनरल एनेस्थीसिया किया। इससे दवा का असर ज्यादा समय तक रहता है। बच्चे की हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे शिशु रोग विभाग के आईसीयू में भर्ती कर वेंटिलेटर पर लिया। बच्चे की ओटी में मौत नहीं हुई।
डॉ. राकेश पोरवाल, विभागाध्यक्ष, नेत्र रोग विभाग, जेएलएन अस्पताल
बच्चे को बचाने का प्रयास किया, लेकिन नहीं बच पाया। ऑपरेशन के बाद ऑक्सीजन लेवल कम हो गया। फेफड़े सिकुड़ गए और हार्ट ने काम करना बंद कर दिया।
डॉ. अरविन्द खरे, अधीक्षक, जेएलएन अस्पताल
नौ माह के मासूम की मौत के मामले में परिजन ने पुलिस को रिपोर्ट दी है। शव को मोर्चरी में रखवाया है। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया जाएगा। मामले की जांच जारी है।
वीरेंद्र सिंह शेखावत, थाना प्रभारी, कोतवाली

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