शादी के बाद बेटे ने छोड़ा शादी के बाद परिजन वृद्ध को एक मंदिर में छोड़ गए। यहां वृद्ध स्वयं अपना गुजार करता रहा, आंख खराब होने के बाद वृद्ध आश्रम में शरण ली। आश्रम के संचालक बृजेश मुखरिया ने बताया कि वृद्ध की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए उसके घर परिवार का पता लगाया गया। घरवालों से काउंसलिंग की। समस्त रिश्तेदारों को बुलाया और वृद्धजन की इच्छा जानी। इस पर पुत्र ने अपने पिता को साथ ले जाने की बात कही। इस पर वृद्ध के उसके परिजन के साथ रवाना कर दिया।
साथ छूटा रुलाई फूटी
साथ छूटा रुलाई फूटी
वृद्ध के अपने घर जाने की जानकारी जब आश्रम में रहने वाले अन्य को हुई तो सभी वृद्ध के पास पहुंच गए। सभी वृद्धों की आंखों में साथी का साथ छूटने के आंसू थे। इस पर वृद्ध ने कहा कि मैं आश्रम आता-जाता रहूंगा।