सैकड़ों ठेकेदार भी झेल रहे परेशानी
अजमेर विद्युत वितरण निगम में ठेकेदारी कर रहे सैकड़ों ठेकेदारों के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई। लॉक डाउन के कारण नए लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं तथा पुराने लाइसेंस का रिन्यूवल भी नहीं हो पा रहा है। इन ठेकेदारों यहां काम कर रहे हजारों मजूदरों की रोजी रोटी पर भी संकट खड़ा हो गया है। ठेकेदारों द्वारा टेंडर भी नहीं भरे जा रहे हैं इससे निगम के भी सभी काम अटक गए हैं। यहां विद्युत तंत्र की मेंटीनेंस,उपभोक्ता सेवाएं सहित अन्य कार्य विभिन्न श्रेणी के ठेकेदारों के जरिए ही होते हैं। प्रतिवर्ष दिसम्बर में लेबर रेट कॉन्ट्रेक्ट (एलआरसी) निकाला जाता है इसे मार्च में खोला जाता है, नई दरें 1 अप्रेल से लागू होती हैं लेकिन लॉक डाउन के कारण इस वर्ष टेंडर नहीं खोला जा सका। जीएसएस के ऑपरेशन मेंटीनेंस के टेंडर भी नहीं खुल सके। 33 केवी जीएसएस के काम रूके हुए हैं। आईपीडीएस के काम भी बंद हो गए हैं। कई सडक़ों के काम पूरे हो गए है लेकिन इसे लॉक डाउन के कारण फ्रैंचायजी को हैंडओवर नहीं किया जा सका।
अजमेर विद्युत वितरण निगम में ठेकेदारी कर रहे सैकड़ों ठेकेदारों के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई। लॉक डाउन के कारण नए लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं तथा पुराने लाइसेंस का रिन्यूवल भी नहीं हो पा रहा है। इन ठेकेदारों यहां काम कर रहे हजारों मजूदरों की रोजी रोटी पर भी संकट खड़ा हो गया है। ठेकेदारों द्वारा टेंडर भी नहीं भरे जा रहे हैं इससे निगम के भी सभी काम अटक गए हैं। यहां विद्युत तंत्र की मेंटीनेंस,उपभोक्ता सेवाएं सहित अन्य कार्य विभिन्न श्रेणी के ठेकेदारों के जरिए ही होते हैं। प्रतिवर्ष दिसम्बर में लेबर रेट कॉन्ट्रेक्ट (एलआरसी) निकाला जाता है इसे मार्च में खोला जाता है, नई दरें 1 अप्रेल से लागू होती हैं लेकिन लॉक डाउन के कारण इस वर्ष टेंडर नहीं खोला जा सका। जीएसएस के ऑपरेशन मेंटीनेंस के टेंडर भी नहीं खुल सके। 33 केवी जीएसएस के काम रूके हुए हैं। आईपीडीएस के काम भी बंद हो गए हैं। कई सडक़ों के काम पूरे हो गए है लेकिन इसे लॉक डाउन के कारण फ्रैंचायजी को हैंडओवर नहीं किया जा सका।