भावी नेता (student leaders) और छात्र संगठन (student unions) पदाधिकारियों की सक्रियता बढ़ी हुई है। जहां छात्र-छात्राएं टिकट के लिए (chatr sangh chunav) भागदौड़ कर रहे हैं। वहीं छात्र संगठन पदाधिकारी बैठक-रणनीति बनाने में व्यस्त हैं। फिलहाल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (abvp) ने राजकीय कन्या महाविद्यालय और दयानंद कॉलेज में अध्यक्ष प्रत्याशी घोषित किए हैं। एनएसयूआई (nsui) ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। निर्दलीय (independent) भी ताल ठोकने की तैयारी में है। इनमें जाट, मीणा एवं अन्य छात्र संगठनों से जुड़े विद्यार्थी शामिल हैं।
विद्यार्थी परिषद ने राजकीय कन्या महाविद्यालय और दयानंद कॉलेज में अध्यक्षपद प्रत्याशी घोषित किया है। लेकिन परिषद सहित एनएसयूआई की नजरें सर्वाधिक विद्यार्थियों वाले सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय (spc-gca) और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) पर ज्यादा टिकी है। एसपीसी-जीसीए में नरेश जाट, दिनेश चौधरी, अकबर काठात, मोहित सैनी, आशीष भारद्वाज और अन्य दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। मदस विश्वविद्यालय में शुभम चौधरी, दिनेश चौधरी, रामेश्वर छाबा और अन्य ताल ठोकने के मूड में है। दयानंद कॉलेज में विक्रम सिंह, प्रदीप और लॉ कॉलेज में अमित और अन्य टिकट (election ticket) पाने की जुगत में है।
read more: अजमेर दरगाह के इस खादिम ने दिया ऐसा बयान, वीडियो वायरल नेताओं की बैठकों का दौर
चुनाव प्रत्याशी चुनने के लिए एनएसयूआई (nsui) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (abvp) के पदाधिकारी बैठक-रणनीति बनाने में व्यस्त हैं। कांग्रेस (congress) और भाजपा (bjp) के विधायक और नेताओं सहित मंत्री (ministers) भी सक्रिय हो गए हैं। एनएसयूआई ने चुनावी पत्ते अब तक नहीं खोले हैं। संगठन ने किसी भी संस्थाओं (institutes) में प्रत्याशी (candidates) घोषित नहीं किए हैं। उसकी सर्वाधिक निगाह विश्वविद्यालय और जीसीए पर है। उधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी भी रणनीति (strategy) के तहत कदम उठा रहे हैं। परिषद की निगाहें भी इन दो संस्थानों पर टिकी हैं।
चुनाव प्रत्याशी चुनने के लिए एनएसयूआई (nsui) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (abvp) के पदाधिकारी बैठक-रणनीति बनाने में व्यस्त हैं। कांग्रेस (congress) और भाजपा (bjp) के विधायक और नेताओं सहित मंत्री (ministers) भी सक्रिय हो गए हैं। एनएसयूआई ने चुनावी पत्ते अब तक नहीं खोले हैं। संगठन ने किसी भी संस्थाओं (institutes) में प्रत्याशी (candidates) घोषित नहीं किए हैं। उसकी सर्वाधिक निगाह विश्वविद्यालय और जीसीए पर है। उधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी भी रणनीति (strategy) के तहत कदम उठा रहे हैं। परिषद की निगाहें भी इन दो संस्थानों पर टिकी हैं।
read more: Heavy rain in ajmer: अजमेर के पानी से मारवाड़ को मिला जीवनदान पिछले साल का हाल साल 2018 के छात्रसंघ चुनाव (student union election) में सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय से निर्दलीय अब्दुल फरहान खान जीते थे। वे बाद में एनएसयूआई में शामिल हो गए थे। संस्कृत कॉलेज में भी एनएसयूआई के कालूराम गुर्जर ने अध्यक्ष (president) पद जीता था। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में एबीवीपी के लोकेश गोदारा ने जीते थे। यहां पांच साल बाद विद्यार्थी परिषद को अध्यक्ष पद मिला पाया था। इसके अलावाविद्यार्थी परिषद ने राजकीय कन्या महाविद्यालय, संस्कृत कॉलेज में अध्यक्ष पद जीता था।