भारत सरकार ने राजस्थान सरकार के राजस्व विभाग की सिफारिश पर 15 गांवों के नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू की गई है। राज्य सरकार का राजस्व विभाग गांव के नए नाम को गजट प्रकाशित कर रहा है। गजट प्रकाशित होने के साथ सलेमाबाद को निम्बार्क तीर्थ (nimabark teerth) के रूप में दस्तावेजी नाम मिल जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि यहां के रहने वाले जागीरदार सलीम खान (salim khan) के नाम पर गांव का नाम सलेमाबाद पड़ा था। लेकिन बरसों पूर्व ग्रामीणों की ओर से इस नाम परिवर्तन की आवाज उठाई जारी रही है। वर्ष 1995 में भी इस मांग ने जोर पकड़ा था।
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फरवरी 2017 में ग्रामसभा में सलेमाबाद की जगह श्री निम्बार्कतीर्थ (nimbarka teerth) नाम रखने का ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को भिजवाया गया। फरवरी 2018 से यह मामला विचाराधीन है। विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा का बड़ा पेंतरा विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा (bjp) की ओर से गांवों के नाम परिवर्तन का बड़ा दांव (पेंतरा) माना जा रहा है। प्रदेश के तीन गांवों का नाम परिवर्तन हो चुका है, जबकि 15 के प्रस्ताव हैं।
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एक मुस्लिम परिवार है गांव में
ग्रामीणों के अनुसार गांव में वर्तमान में एक ही मुस्लिम (muslim) परिवार है। जबकि हिन्दू धर्म की प्रमुख पीठ यहां स्थित है। गांव के पूर्व सरपंच ने बताया कि भारत में यही विडम्बना है कि अखिल भारतीय निम्बार्काचार्य की पीठ एवं हिन्दू (hindu cuumunity) धर्मावलम्बियों का प्रमुख केन्द्र होने के बावजूद बरसों पूर्व रखे सलेमाबाद नाम को परिवर्तन नहीं किया जा रहा है। सरकार को जल्द निम्बार्क तीर्थ नाम रखना चाहिए।
शिक्षा राज्यमंत्री ने भी उठाया था मुद्दा
शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने भी निम्बार्काचार्य श्रीजी महाराज (shriji maharaj) के देवलोकगमन के बाद आयोजित आचार्य पदाभिषेक समारोह में सलेमाबाद की जगह निम्बार्कतीर्थ नाम परिवर्तन का मुद्दा उठाया था।
एक मुस्लिम परिवार है गांव में
ग्रामीणों के अनुसार गांव में वर्तमान में एक ही मुस्लिम (muslim) परिवार है। जबकि हिन्दू धर्म की प्रमुख पीठ यहां स्थित है। गांव के पूर्व सरपंच ने बताया कि भारत में यही विडम्बना है कि अखिल भारतीय निम्बार्काचार्य की पीठ एवं हिन्दू (hindu cuumunity) धर्मावलम्बियों का प्रमुख केन्द्र होने के बावजूद बरसों पूर्व रखे सलेमाबाद नाम को परिवर्तन नहीं किया जा रहा है। सरकार को जल्द निम्बार्क तीर्थ नाम रखना चाहिए।
शिक्षा राज्यमंत्री ने भी उठाया था मुद्दा
शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने भी निम्बार्काचार्य श्रीजी महाराज (shriji maharaj) के देवलोकगमन के बाद आयोजित आचार्य पदाभिषेक समारोह में सलेमाबाद की जगह निम्बार्कतीर्थ नाम परिवर्तन का मुद्दा उठाया था।