राजस्थान के अजमेर में घरों-दफ्तरों अथवा व्यापारिक प्रतिष्ठानों की छतों पर पानी का रिसाव रोकने वाली टाइल्स से जल्द बिजली बनेगी। कई बड़ी कंपनियां सोलर टाइल्स के निर्माण में जुटी हैं। यही टाइल्स से सौर ऊर्जा भी बनाएंगी। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता सहित बड़े महानगरों में टाइल्स पहुंच चुकी हैं। जल्द छोटे शहरों और गांवों में भी ऐसी टाइल्स लगती नजर आएंगी।
सौर टाइल्स छत पर लगाई जाने वाली आम टाइल्स की तरह हैं। इनका उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन में किया जा सकता है। इन टाइल्स में सौर कोशिकाएं लगाई जाती हैं। यह सूर्य के प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करती हैं। घरों में ग्रिड के माध्यम से इन टाइल्स को जोड़ा जाता है। लोग इनसे उत्पादित बिजली का उपयोग दैनिक कामकाज में कर सकते हैं।
छतों पर पानी का रिसाव रोकने वाली सौर टाइल्स से घर की उपयोगिता के अनुसार बिजली तैयार की जा सकती है। फिलहाल बड़े शहरों में ही उपयोग शुरू हुआ है। इसके अलावा पतली फिल्म जैसे सोलर पैनल भी तैयार हो रहे हैं। दीर्घकाल में इनकी उपयोगिता अच्छी रहेगी।- एन.एस.निर्वाण, पूर्व एमडी, अजमेर डिस्कॉम
सौर ऊर्जा सूर्य के प्रकाश , फोटोवोल्टिक ऊर्जा और गर्मी के उत्पादन के लिए उत्पादित की जाती है। लोग घरों में 1 किलोवाट से लेकर 5 किलोवाट या 10 किलोवाट तक का रूफटॉप सोलर सिस्टम जरूरत और जगह को देखते हुए लगाते हैं। उद्योगों में 10 किलोवाट से लेकर 100 किलोवाट तक सिस्टम लगाया जाता है।