पालबीसला निवासी महेंद्र सिंह कुशवाहा ने 15 जून को अलवर गेट थाना में शिकायत दी थी। उसने बताया कि ऑनलाइन साइट (online site) पर उसने बाइक बेचने (bile sale) का विज्ञापन दिया। उसके मोबाइल पर दो अलग-अलग नंबरों से कॉल आया। कॉलर (fake caller) ने खुद को जैसलमेर में तैनात सीआरपीएफ (crpf) जवान बताया। साथ ही परिवार को सीआरपीएफ के ग्रुप केंद्र-द्वितीय में रहना बताकर बेटे के लिए बाइक खरीदने (purchase bike) की इच्छा जताई। इसके बाद ठग ने उसे बातों में फंसाकर पिन नंबर (pin number) हासिल कर 50 हजार रुपए निकाल लिए।
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एसपी कुंवर राष्ट्रदीप (kunwar rashtradeep) के निर्देश पर टीम गठित की गई। पुलिस ने आरोपी के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकाली। इसके बाद बैंक (bank), पेटीएम (paytam), फ्लिपकार्ट (flipcart) से रिकॉर्ड लेकर तकनीकी जानकारी हासिल की गई। पुख्ता सबूत एकत्र होने के बाद मथुरा (mathura) (उत्तरप्रदेश) जिले के देवसेरस पुलिस थाना गोवद्र्धन निवासी मनीष जाटव (25) को गिरफ्तार किया गया। उससे शिकायकर्ता के रुपयों से खरीदा गया मोबाइल भी जब्त किया गया।
एसपी कुंवर राष्ट्रदीप (kunwar rashtradeep) के निर्देश पर टीम गठित की गई। पुलिस ने आरोपी के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकाली। इसके बाद बैंक (bank), पेटीएम (paytam), फ्लिपकार्ट (flipcart) से रिकॉर्ड लेकर तकनीकी जानकारी हासिल की गई। पुख्ता सबूत एकत्र होने के बाद मथुरा (mathura) (उत्तरप्रदेश) जिले के देवसेरस पुलिस थाना गोवद्र्धन निवासी मनीष जाटव (25) को गिरफ्तार किया गया। उससे शिकायकर्ता के रुपयों से खरीदा गया मोबाइल भी जब्त किया गया।
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थानाधिकारी मुकेश चौधरी ने बताया कि आरोपी मनीष ओएलएक्स, फेसबुक और अन्य माध्यम पर वाहन/सामान क्रय-विक्रय का विज्ञापन देखकर अथवा देकर मोबाइल से संपर्क करता था। वह अच्छी कीमत (best price)का झांसा देकर पेटीएम/गूगल पे/डेबिट-क्रेडिट कार्ड नंबर और ओटीपी पूछता था। इसके बाद एडवांस रुपए भेजने का झांसा देकर फांस लेता था। ऑनलाइन ट्रांजिक्शन की रिक्वेस्ट मिलते ही वह पीडि़त के खाते (account) से रुपए उड़ा लेता था। टीम में सूरज कुमार, जगदीश, बृजलाल, रज्जनसिंह, श्याम सिंह शामिल थे।
थानाधिकारी मुकेश चौधरी ने बताया कि आरोपी मनीष ओएलएक्स, फेसबुक और अन्य माध्यम पर वाहन/सामान क्रय-विक्रय का विज्ञापन देखकर अथवा देकर मोबाइल से संपर्क करता था। वह अच्छी कीमत (best price)का झांसा देकर पेटीएम/गूगल पे/डेबिट-क्रेडिट कार्ड नंबर और ओटीपी पूछता था। इसके बाद एडवांस रुपए भेजने का झांसा देकर फांस लेता था। ऑनलाइन ट्रांजिक्शन की रिक्वेस्ट मिलते ही वह पीडि़त के खाते (account) से रुपए उड़ा लेता था। टीम में सूरज कुमार, जगदीश, बृजलाल, रज्जनसिंह, श्याम सिंह शामिल थे।