script39 दिन में चांद पर पहुंचा चंद्रयान, यहां 69 दिन में नहीं लगा सके फ्लोटिंग ब्रिज | Slowness Of Smart City System Regarding Anasagar Lake Rajasthan | Patrika News
अजमेर

39 दिन में चांद पर पहुंचा चंद्रयान, यहां 69 दिन में नहीं लगा सके फ्लोटिंग ब्रिज

देश के वैज्ञानिकों ने 39 दिन में चांद पर चन्द्रयान-3 पहुंचाकर तकनीक का लोहा मनवाया, मगर हमारी स्मार्टसिटी में 69 दिन बाद भी आनासागर चौपाटी (पुरानी) पर फ्लोटिंग (हैंगिंग) ब्रिज पुन: नहीं लग पाया। यही नहीं शहर के कई प्रोटेक्ट ऐसे भी हैं जिनके निर्माण की अवधि बीतने के बावजूद आज तक पूरे नहीं हो पाए।

अजमेरAug 24, 2023 / 12:54 pm

Nupur Sharma

patrika_news__1.jpg

आनासागर पुरानी चौपाटी पर फ्लोटिंग ब्रिज के अभाव में बना है खतरा।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क/अजमेर। देश के वैज्ञानिकों ने 39 दिन में चांद पर चन्द्रयान-3 पहुंचाकर तकनीक का लोहा मनवाया, मगर हमारी स्मार्टसिटी में 69 दिन बाद भी आनासागर चौपाटी (पुरानी) पर फ्लोटिंग (हैंगिंग) ब्रिज पुन: नहीं लग पाया। यही नहीं शहर के कई प्रोटेक्ट ऐसे भी हैं जिनके निर्माण की अवधि बीतने के बावजूद आज तक पूरे नहीं हो पाए।

यह भी पढ़ें

कांग्रेसियों में चले जमकर लात-घूंसे, मच गई अफरा-तफरी….

कई प्रोजेक्ट की अवधि खत्म, निर्माण शुरू नहीं: स्मार्टसिटी अजमेर में कामकाज की गति बेहद धीमी और लापरवाही से भरपूर है। आनासागर पुरानी चौपाटी को क्रिश्चियन गंज चौपाटी से जोड़ने के लिए वर्ष 2017-18 में फ्लोटिंग ब्रिज लगाया गया। स्मार्टसिटी के तहत इस ब्रिज को करीब पांच साल पहले आरएसआरडीसी ने तैयार किया। जंग खाने से इसकी चादर गल गई। क्षतिग्रस्त ब्रिज से पर्यटकों व शहरवासियों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया। राजस्थान पत्रिका की ओर से लगातार सचित्र समाचार करने के बाद प्रशासन ने 14 जून को ब्रिज को हटवाया। फ्लोटिंग ब्रिज निर्माण का 2017-18 में करीब 27 लाख की लागत से हुआ। आरएसआरडीसी की ओर से निर्माण कराया गया, लेकिन जंग के चलते ब्रिज जर्जर हो गया। इसे हटाने के बाद नया फ्लोटिंग ब्रिज जल्द लगाने की योजना आज तक पूरी नहीं हुई।

 

rajasthan_patrika_news_.jpg

निर्धारित समयावधि के लिए हो प्रतिबद्धता: स्मार्टसिटी सहित कई योजनाओं के विकास कार्यों को लेकर विभागीय अधिकारियों, अभियंताओं को समयावधि में प्रोजेक्ट को अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्धता की आवश्यकता है। प्रोजेक्ट अधिकारी निर्धारित समयावधि में विकास कार्य या प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करवाने से अतिरिक्त व्यय व श्रम भार की बचत संभव है।

यह प्रोजेक्ट ही समय पर नहीं हुए पूरे:
सीवरेज: शहर में सीवरेज लाइन प्रोजेक्ट आज तक पूरा नहीं हुआ। अभी भी 25 प्रतिशत काम पूरा हुआ, जबकि सीवरेज का काम पूरा करने की मियाद 30 जून 2023 निर्धारित थी। पिछले 25 साल से सीवरेज का काम चल रहा है। कई एजेंसियां काम कर चुकी हैं।

यह भी पढ़ें

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता में कोटा की बेटी सुष्मिता चौधरी का रहा अहम योगदान



चिकित्सा: जेएलएन अस्पताल में करीब 36,22 करोड़ से मेडिसिन ब्लॉक का कार्य 26 अगस्त 2022 को पूरा होना था, लेकिन आज भी यह अधूरा पड़ा है। दूसरे चरण के कार्यादेश में 5 करोड़ रुपए स्वीकृत किए, मगर अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है।

कलक्ट्रेट भवन: स्मार्टसिटी के तहत 20.53 करोड़ का प्रोजेक्ट आज तक पूरा नहीं हो पाया। यह कार्य 14 मई 2022 को पूरा होना था, लेकिन अब 30 अगस्त 2023 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा, लेकिन अभी तक 30 प्रतिशत काम बाकी है।

https://youtu.be/0ng6_Y0tJbY

Hindi News/ Ajmer / 39 दिन में चांद पर पहुंचा चंद्रयान, यहां 69 दिन में नहीं लगा सके फ्लोटिंग ब्रिज

ट्रेंडिंग वीडियो