शीतला सप्तमी पर काला बाग स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर में पूजन का दौर चल रहा है। महिलाओं और श्रद्धालुओं ने शीतला माता को बास्योड़ा का भोग लगाने में जुटी हैं। घरों में पूड़ी, पपड़ी, दही, राबड़ी, छाछ, पकौड़े, पाडपड़, खीचे, चावल, पचकुटे की सब्जी और अन्य पकवान बनाए गए। महिलाओं-बालिकाओं ने शीतला माता का पूजन किया। रविवार सुबह से मंदिर में जल चढ़ाने और शीतला माता पूजन के लिए श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। भोग लगाकर घर-परिवार में खुशहाली की कामना कर रहे हैं।
शहर के वैशाली नगर, उसरी गेट, फायसागर, मदार गेट, मेयो लिंक रोड, गुलाबबाड़ी, पुष्कर रोड, धौलाभाटा, पहाडग़ंज, रामगंज, सुभाष नगर, आदर्श नगर, बिहारी गंज और अन्य इलाकों में शीतला माता का पूजन किया जा रहा है। नीम चबूतरा कायस्थ मोहल्ला स्थित बीजासन माता के भी भोग लगाया गया।
शहर के वैशाली नगर, उसरी गेट, फायसागर, मदार गेट, मेयो लिंक रोड, गुलाबबाड़ी, पुष्कर रोड, धौलाभाटा, पहाडग़ंज, रामगंज, सुभाष नगर, आदर्श नगर, बिहारी गंज और अन्य इलाकों में शीतला माता का पूजन किया जा रहा है। नीम चबूतरा कायस्थ मोहल्ला स्थित बीजासन माता के भी भोग लगाया गया।
नहीं भरेगा मेला
काला बाग स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर पर मेला नहीं भरेगा। कोरोना संक्रमण के चलते यह फैसला लिया गया है। मालूम हो कि मेले में मिट्टी और प्लास्टिक के खिलौने, कांच के बर्तन, गिलास, कप, गुब्बारे, टोपी, धनुष-तीर, घडिय़ां, कपड़े, सजावटी सामान सहित कुल्फी, छोले भटूरे, दही बड़े, चाट-पकौड़ी की दुकानें लगाई जाती हैं।
काला बाग स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर पर मेला नहीं भरेगा। कोरोना संक्रमण के चलते यह फैसला लिया गया है। मालूम हो कि मेले में मिट्टी और प्लास्टिक के खिलौने, कांच के बर्तन, गिलास, कप, गुब्बारे, टोपी, धनुष-तीर, घडिय़ां, कपड़े, सजावटी सामान सहित कुल्फी, छोले भटूरे, दही बड़े, चाट-पकौड़ी की दुकानें लगाई जाती हैं।